
बाराबंकी, 18 अक्टूबर 2025:
सूफी संत सैय्यद हाजी वारिस अली शाह के पिता सैय्यद कुर्बान अली शाह की स्मृति में आयोजित दस दिवसीय देवा मेला 2025 का शुक्रवार शाम को रंग-बिरंगी आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ भव्य समापन हुआ। इस दौरान लेजर शो व गीत संगीत की प्रस्तुति दी गई। वहीं आतिशबाजी में बाराबंकी के आजम को पहला पुरस्कार दिया गया।
गत 8 अक्टूबर को शुरू हुए देवा मेला के समापन समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय की धर्मपत्नी श्रीमती संपदा विजयवर्गीय ने आतिशबाजी प्रतियोगिता के उद्घाटन से किया। उन्होंने देवा मेला 2025 की स्मारिका का विमोचन किया। देवा मेला की आखिरी शाम को आतिशबाजी का कम्पटीशन देखने के लिए आसपास जिले से हजारों जायरीन जमा हुए थे। आतिशबाजी प्रतियोगिता में 9 आतिशबाजों ने भाग लिया, जिनमें जैदपुर के मंजर अब्बास, रजा अब्बास, मोहम्मद नाजिम, मोहम्मद कदीर, अल्ताफ, अफजाल, गुलाम वारिस, ताज मोहम्मद और बाराबंकी के मोहम्मद आजम शामिल रहे।
निर्णायक मंडल ने बाराबंकी के मोहम्मद आजम को प्रथम स्थान, जैदपुर के गुलाम वारिस को द्वितीय स्थान और जैदपुर के ताज मोहम्मद को तृतीय स्थान के लिए चुना। विजेताओं को मेला कमेटी द्वारा पुरस्कार और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया, जबकि शेष प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम की सबसे खास आकर्षण रहा मेगा लेजर-शो, जिसमें सूफी संत के जीवन, संदेश और मानवता की शिक्षा को रंगीन रोशनी की किरणों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा स्कूली बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी आखिरी शाम को यादगार बना दिया। मंच पर देशभक्ति गीत, कव्वाली और लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुतियों से दर्शक झूम उठे।