नई दिल्ली, 12 जनवरी 2025:
देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में दिल्ली के मानेक सॉ ऑडिटोरियम में शनिवार को ‘राष्ट्रसमर्था अहिल्याबाई होलकर’ की नाट्य प्रस्तुति हुई। सांस्कृतिक मंत्रालय और विश्व मांगल्य सभा के संयुक्त तत्वाधान में हुई इस प्रस्तुति का नाट्य लेखन डॉ. वृषाली जोशी राष्ट्रीय संगठन मंत्री विश्व मांगल्य सभा ने किया। वहीं, कलाकारों ने सुबोध सुरेजकर के निर्देशन में अपनी सधी हुई प्रस्तुति दी। नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से देवी अहिल्याबाई होलकर की जीवनी को जीवंत किया गया।
हर बेटी भीतर की अहिल्याबाई को जगाये : आलोक कुमार
नाट्य मंचन से पहले मुख्य अतिथि विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अहिल्या बाई होलकर की जीवनी भारत के संस्कृति की परिचायक है। जो बताता है कि भारत की स्त्री जब आदिदेव महादेव शिव को हाथों में रख कर जब एक योद्धा बनती है तो

बड़े-बड़े आक्रांता पीछे हट जाते हैं। एक शासक के तौर पर देवी अहिल्याबाई होलकर ने जिस तरह से साम्राज्य की सुरक्षा की और भारत की संस्कृति की रक्षा के साथ साथ उसका विस्तार किया, आज भारत की हर बेटी हर स्त्री को अपने अंदर की अहिल्याबाई को जगाना होगा। मंदिरों के पुनरउद्धार के साथ-साथ जिस तरह से रानी अहिल्या ने नदियों पर घाट बनवाये, धर्मशाला बनवाये वो उनकी दूरदर्शिता का परिचायक है। उन्होंने उस समय अर्थव्यवस्था के महत्व को समझा और माहेश्वरी साड़ी के रूप में बुनकरों को टेक्सटाइल इंडस्ट्री दिया।
मातृ निर्माण का कार्य कर रही संस्था : मनोज तिवारी
मुख्य अतिथि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि किसी भी बच्चे के लिए उसकी माँ ही प्रथम गुरु होती है। विश्व मांगल्य सभा एक संगठन के रूप में जिस तरह समाज में मातृ निर्माण का कार्य कर रही है उससे नए और संस्कारित भारत का निर्माण हो रहा है। देवी अहिल्याबाई के जीवनी को आज पूरे भारत में शहर-शहर और गांव-गांव प्रसारित करने की ज़रूरत है और घर-घर में जीवंत करने की ज़रूरत है।

शिवाजी चाहियें तो जीजाबाई बनना होगा : डॉ. वृषाली
विश्व मांगल्य सभा की राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. वृषाली जोशी

ने कहा कि अगर हमें देश में शिवाजी जैसे बच्चे चाहिएं तो हमें अपनी बेटियों को माता जीजाबाई जैसी माँ बनाना होगा। महिलाओं को लेकर एक नैरेटिव बना कि भारत की महिलाएं कमजोर होती हैं। समाज में दबी-कुचली होतीं हैं। ऐसे विमर्श को खत्म करने के लिए हमें हमारी वीरांगनाओं और आदर्श नारियों के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाना होगा। कार्यक्रम का आयोजन विश्व मांगल्य सभा की दिल्ली प्रांत की अध्यक्ष सुरभि तिवारी और संगठन की अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री पूजा देशमुख के मार्गदर्शन में किया गया।