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गंदे कोच-टूटी खिड़कियां, BSF जवानों को बदहाल ट्रेन देने पर घमासान, रेल मंत्री के एक्शन के बाद चार अधिकारी निलंबित

नई दिल्ली, 12 जून 2025

अमरनाथ यात्रा पर देश के नागरिकों की सुरक्षा में जा रहे (बीएसएफ) के जवानों को बदहाल ट्रेन मुहैया कराने पर विवाद मच गया। बदहाल ट्रेन का वीडियो बदहाल ट्रेन होने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सख्त एक्शन लेते हुए रेलवे के चार अधिकारियों को इस मामले में निलंबित कर दिया है। जानकारी अनुसार BSF जवानों को  त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू ले जाने वाली ट्रेन में गंदी और खस्ता हालत मिली जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया, वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। वहीं इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए, रेलवे ने ट्रेन को बदल दिया, साथ ही इसके लिए जिम्मेदार चार अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया। बता दे कि बीएसएफ टीम ने अपने कर्मियों के लिए आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से एसी कोच और उचित सुविधाओं सहित पर्याप्त सुविधाओं वाली ट्रेन का अनुरोध किया था। हालांकि, जो ट्रेन आई वह उनकी उम्मीदों के बिल्कुल विपरीत थी। कोच गंदे थे, खिड़कियों और दरवाजों में दरारें थीं, बिजली की फिटिंग खराब थी और शौचालय इस्तेमाल करने लायक नहीं थे। कॉकरोच और गंदगी बहुत थी, जिससे जवानों के लिए हालात असहनीय हो गए थे। यह घटना तुरंत वायरल हो गई, ट्रेन की स्थिति को दिखाने वाला एक वीडियो वायरल हो गया, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा :

BSF जवानों को बदहाल ट्रेन देने की इस घटना पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार को जमकर घेरा, प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा, “यह तब होता है जब सरकार का पूरा ध्यान कुछ आकर्षक ट्रेनों के पीआर पर होता है, जबकि आम जनता जानवरों की तरह यात्रा करने के लिए मजबूर होती है।


” वहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की युवा शाखा ने लिखा, “क्या देश के जवानों का अपमान करना मोदी सरकार की प्राथमिकता बन गई है? बीएसएफ जवानों को त्रिपुरा से कश्मीर भेजा जा रहा है… लेकिन जिस ट्रेन में उन्हें भेजा गया, उसे देखकर कोई भी शर्मिंदा हो जाएगा।”कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल पर लिखा, “मोदी की विलासिता बनाम सैनिकों की बदहाली”

बता दे कि देश में होने वाली आगामी अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, इस 38 दिनों की होने वाली यात्रा में केंद्र ने यात्रा के संचालन के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 581 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया है, जिनमें लगभग 42,000 जमीनी कर्मी शामिल होंगे।

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