
लखनऊ, 26 अगस्त 2025 :
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय रोजगार महाकुंभ का आगाज हुआ। युवाओं को नियुक्ति पत्र सौपकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा अब गांवों से पलायन नहीं होता। गांव-गांव रोजगार के ठिकाने बन गए हैं। युवा अपने कौशल से रोजगार हासिल कर रहे हैं। यूपी के युवाओं की मांग पूरी दुनिया में है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने रोजगार महाकुंभ का शुभारंभ करने के बाद चयनित युवाओं को नियुक्ति-पत्र वितरित किए। वहीं श्रम विभाग के श्रम न्याय सेतु पोर्टल, औद्योगिक न्यायाधिकरण की वेबसाइट एवं ई-कोर्ट पोर्टल को भी लॉन्च किया। सीएम योगी ने कहा कि युवा अपार ऊर्जा का स्रोत हैं। दुनिया में सबसे अधिक युवा आबादी भारत में और भारत में भी उत्तर प्रदेश में है। यूपी के युवाओं ने अवसर मिलने पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है इसलिए आज यूपी के युवाओं की मांग दुनिया भर में है।
वह यूनिट जो लोकल स्तर पर प्रोडक्शन कर रही है और जिसमें नौजवानों को उसकी योग्यता के अनुसार कार्य भी मिल रहा है। यह मॉडल ‘आत्मनिर्भर भारत’ की आधारशिला बनेगा। हर श्रमिक, सम्मान के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को मजबूती के साथ आगे बढ़ा सके, यह सरकार की मंशा है। आज रोजगार देने वाली कम्पनियां और युवा एक मंच पर हैं। प्रदेश में बीते आठ वर्षों में किए गए कार्यों का ही परिणाम है कि जहां पहले गांव के गांव रोजगार के लिए पलायन कर जाते थे आज उन्हें प्रदेश में ही रोजगार मिल रहा है। गांव रोजगार का केंद्र बन रहे हैं। प्रदेश में जो इकाइयां इंस्पेक्टर राज और अन्य दखल के कारण बंद हो गईं थी आज उनकी संख्या 96 लाख हो गई है। लघु और कुटीर उद्योग की ताकत का एहसास कोरोना काल में हुआ।

यूपी में युवाओं को कौशल से रोजगार मिल रहा है।गत 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत 12 लाख से अधिक लोगों को ट्रेनिंग प्रदान की गई। इनमें से लगभग 6 लाख युवाओं को सीधे रोजगार से जोड़ा गया। वर्ष 2017 से 2025 के मध्य विभिन्न आयोगों और भर्ती बोर्डों के माध्यम से सरकार साढ़े आठ लाख लोगों को सरकारी नौकरी प्रदान कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में अकेले MSME सेक्टर में पौने दो करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। स्टार्टअप इकोसिस्टम की दृष्टि से उत्तर प्रदेश आज देश में तीसरे स्थान पर है। क्रियाशील स्टार्टअप्स से 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।






