वाराणसी, 27 सितंबर:
अंशुल मौर्य,
काशी प्रवास के दूसरे दिन बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शुक्रवार की सुबह काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। सुबह से हो रही झमाझम बारिश ने भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री की आस्था को डिगा नहीं सकी। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने से पूर्व बाबा बागेश्वर ने गंगा स्नान किया। इसके बाद बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करने पहुंचे। 5 ब्राह्मणों के नेतृत्व में वैदिक मंत्रों के बीच बागेश्वर बाबा ने काशी विश्वनाथ का षोडशोपचार पूजन किया। गंगाजल और दूध से बाबा का अभिषेक किया। गर्भगृह से बाहर आने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने बाबा के स्वर्ण शिखर को प्रणाम किया।
इस दौरान काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु बाबा बागेश्वर की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखाई दिए। बाबा ने भी चिर परिचित अंदाज में हाथ हिलाकर भक्तों का अभिवादन स्वीकार किया। बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर बाहर निकले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने काशी विश्वनाथ धाम को अद्भुत बताया। कहा कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा। मैंने बाबा विश्वनाथ से भारत के हिंदू राष्ट्र होने की कामना की है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन के बाद धीरेंद्र शास्त्री बिहार के गया के लिए रवाना हुए। वह करीब 30 मिनट तक बाबा विश्वनाथ मंदिर में रुके रहे।
बता दें, दो दिन के काशी प्रवास पर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गुरुवार भोर में काशी पहुंचे थे। बाबतपुर एयरपोर्ट से वह ढोरा (बड़ागांव) गांव स्थित अपने शिष्य प्रशांत शुक्ला के आवास पर गए। वहां शुक्ला परिवार ने आरती उतारकर उनकी आगवानी की। माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। उन्होंने परिवार के आग्रह पर पास-पड़ोस के कई लोगों से मुलाकात की। उनके आगमन की सूचना पर दर्शन के लिए आसपास के गांव के लोगों की भीड़ जुट गई। वह बागेश्वर बाबा के जयकारे लगा रहे थे। बारिश के बाद भी लोग उनकी एक झलक पाने के लिए टस से मस नहीं हुए। अत्यधिक भीड़ जुटने की सूचना पर क्षेत्रीय पुलिस बल भी मौके पर मोर्चा संभालने पहुंच गया।
धीरेंद्र शास्त्री ने भवन की छत से भक्तों को दर्शन दिया। सभी से बागेश्वर धाम से जुड़ने का अनुरोध किया। बाबा ने भक्तों से हर-हर महादेव के जयकारे लगवाए। कहा- “कैसे हो? तुम लोग सुबह से हल्ला कर रहे थे। हम लुढ़के (सो रहे) पड़े थे। बड़े लोग तो हमसे मिल लेते हैं, लेकिन पिछड़े और बिछड़े लोग मुझसे नहीं मिल पाते। इसलिए अब मैं 107 किमी पैदल यात्रा करूंगा। गांव-गांव जाऊंगा। लोगों से मिलूंगा।“ बाबा ने भक्तों से सवाल किया “भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है कि नहीं?” उन्होंने कहा “हिंदुओं को एकजुट करने और सनातन के प्रचार के लिए 21 से 30 नवंबर तक बागेश्वर से रामराज ओरछा तक पदयात्रा करूंगा। 1 दिन में 20 किमी चलूंगा। इसका मकसद हिंदू एकता को मजबूत करना है।“
स्वामी अड़गड़ानंद का लिया आशीर्वाद
संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री गुरुवार शाम सक्तेशगढ़ आश्रम पहुंचे थे। यहां उन्होंने परमहंस स्वामी अड़गड़ानंद से आशीर्वाद लिया। स्वामीजी ने उन्हें भेंट स्वरूप ‘यथार्थ गीता’ दी। शाम पांच बजे उनके आश्रम पहुंचने पर पुलिसकर्मियों और आश्रम के गार्डों ने उन्हें प्रवचन हाल तक पहुंचाया। प्रवचन हाल में उन्होंने करीब 20 मिनट तक स्वामी अड़गड़ानंद महाराज को सुना। इसके बाद कमरे में स्वामीजी से लगभग 15 मिनट वार्ता की। शाम छह बजे स्वामी अड़गड़ानंद ने उन्हें मुकुट पहनाकर आश्रम से विदा किया।