नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025
अमेरिकी टैरिफ से मचे घमासान के बीच खाद्य उत्पादों, समुद्री खाद्य और वस्त्र निर्यातकों ने केंद्र सरकार से कम ब्याज दर पर ऋण और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया है ताकि उन्हें भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ के बोझ से निपटने में मदद मिल सके।
मुंबई में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में इन क्षेत्रों के कुछ प्रतिनिधियों ने अनुरोध किया है कि उन्हें उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के रूप में सहायता प्रदान की जाए।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने निर्यात लेनदेन में शामिल लोगों को सलाह दी है कि वे अपने सुझाव लिखित रूप में प्रस्तुत करें।
भारत में, ऋणों पर ब्याज दरें 8% से 12% तक हैं, और कुछ मामलों में तो इससे भी ज़्यादा। लेकिन निर्यातकों का कहना है कि चीन, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में ब्याज दरें कम हैं, जो अमेरिकी बाज़ार में भारत से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
परिधान और झींगा निर्यातकों की स्थिति अच्छी नहीं है। अमेरिकी ग्राहकों ने खरीदारी रद्द करना शुरू कर दिया है, जबकि कुछ ग्राहक खरीदारी टाल रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में समस्याएँ पैदा होंगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, निर्यातकों ने बताया है कि नौकरियाँ जा सकती हैं।