लखनऊ, 10 नवंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने नकली ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। टीम ने गोमतीनगर कॉलोनी के विजय खंड-एक स्थित एक मकान में छापा मारकर लाखों रुपये कीमत के मिलावटी इंजेक्शन और भारी मात्रा में कच्चा माल बरामद किया।
छापे में 1018 शीशी ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, 27 लीटर सिरका, 70 लीटर फिनायल, 16500 खाली शीशियां, नमक, सिलर और गैलन बरामद किए गए। मौके से दो आरोपी कयूम अली निवासी त्रिवेणीनगर तृतीय, लखनऊ और मोहम्मद इब्राहिम निवासी डालीगंज, लखनऊ को गिरफ्तार किया गया।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह के अनुसार बरामद इंजेक्शन की बाजार कीमत करीब 50 लाख रुपये है। आरोपियों ने पूछताछ में कबूला कि वे गाजियाबाद में लोनी से एक व्यक्ति के जरिए चीन से आने वाला ऑक्सीटोसिन पाउडर मंगवाते थे। इस पाउडर की कीमत करीब 25 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम है। 10 ग्राम से एक लाख से अधिक नकली इंजेक्शन तैयार किए जाते थे।

ये इंजेक्शन मुख्य रूप से डेयरी संचालकों और किसानों को बेचे जाते थे। थोक में एक इंजेक्शन 80–100 रुपये और फुटकर में 200 रुपये तक में बेचा जाता था। एफएसडीए के सहायक आयुक्त ब्रजेश के अनुसार यह गिरोह लखनऊ समेत बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, कानपुर, हरदोई जैसे जिलों में अपना नेटवर्क फैलाए था। आरोपी सरकारी बसों और निजी वाहनों से इंजेक्शन की सप्लाई करते थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऑक्सीटोसिन का अवैध उपयोग दूध उत्पादन बढ़ाने और सब्जियों-फलों का आकार बड़ा करने के लिए किया जा रहा है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इससे हार्मोन असंतुलन, पेट की समस्याएं, चिड़चिड़ापन, तनाव, यहां तक कि बांझपन जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। टीम ने दो नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। पूरे नेटवर्क की जांच जारी है।






