मेरठ,3 अप्रैल 2025
गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली में रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई की आशंका के चलते मेरठ, बागपत, हापुड़, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर उनके संभावित ठिकाने बन सकते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक रोहिंग्याओं की पैठ बढ़ रही है। हालांकि, अधिकारी किसी अधिकृत इनपुट से इनकार कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं।
उत्तराखंड के रुड़की के बुचढ़ी ढढेरा रेलवे फाटक बस्ती के पास दो बांग्लादेशी रोहिंग्या, मोहम्मद तारिस और शाबीर अहमद को हिरासत में लिया गया था। उनके पास संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी शरणार्थी कार्ड भी मिले थे। वे कई मुस्लिम बस्तियों से चंदा जुटा रहे थे और पूछताछ के बाद 19 मार्च को यूपी के अमरोहा लौटने की बात कहकर चले गए थे। दिल्ली में रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान की आहट के बाद उनके पश्चिमी यूपी के जिलों में शरण लेने की आशंका बढ़ गई है।
मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने किसी अधिकृत इनपुट की जानकारी से इनकार किया लेकिन चौकसी बरतने की बात कही। एडीजी डीके ठाकुर ने भी गृह मंत्रालय के इनपुट से इनकार किया लेकिन सतर्कता बरतने की जरूरत बताई। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, हापुड़ भौगोलिक दृष्टि से बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए अनुकूल हो सकता है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां वहां विशेष निगरानी रख रही हैं। मेरठ में हापुड़ रोड, नगर निगम के पुराने कमेले से सटी यमुना नगर बस्ती, कैंट क्षेत्र के बूचरी रोड, वीर बाला पथ और योगेंद्र हाट में संदिग्ध बांग्लादेशियों की मौजूदगी देखी गई है। इनमें से कई रोहिंग्याओं ने आधार और राशन कार्ड बनवा लिए हैं।
यदि ये लोग वास्तव में बांग्लादेशी हैं और उनके पास फर्जी दस्तावेज हैं, तो यह गंभीर जांच का विषय है। कैंट क्षेत्र में संदिग्ध बांग्लादेशियों की मौजूदगी कोई नई बात नहीं है। कुछ साल पहले सेना ने बूचरी रोड पर इनका बसेरा हटाने का अभियान चलाया था, लेकिन वे फिर लौट आए। एक अधिकारी के अनुसार, बंगाली भाषा बोलने के कारण ये लोग खुद को पश्चिम बंगाल का निवासी बताते हैं और सत्यापन के दौरान फरार हो जाते हैं।
करीब चार साल पहले यूपी के तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल और एडीजी प्रशांत कुमार (वर्तमान डीजीपी) के कार्यकाल में रोहिंग्या घुसपैठ को लेकर चुनौती खड़ी हुई थी। एटीएस ने मेरठ, अलीगढ़ और बुलंदशहर में रोहिंग्याओं के नेटवर्क को उजागर किया था। उस समय यूपी से 13 संदिग्ध रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया गया था।
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम यूपी में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सख्त निगरानी और कार्रवाई की जरूरत है। मेरठ, हापुड़, बागपत, शामली और सहारनपुर में विशेष सतर्कता बरतने की सिफारिश की गई है।
रिपोर्टों के अनुसार, देश के 17 राज्यों में करीब दो करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। 2007 में संसद में पहली बार इसका आधिकारिक आंकड़ा 1.2 करोड़ बताया गया था। हाल ही में गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने यह आंकड़ा 2 करोड़ तक पहुंचने की जानकारी दी थी। 2001 की जनगणना के अनुसार, भारत में 30,84,826 लोग बांग्लादेश से आए थे।