लखनऊ, 13 सितम्बर 2024
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया, “20 जून 2021 को अवैध धर्मांतरण के मामले में एटीएस ने 2 नामजद व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उनके नाम मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती जहांगीर आलम कासमी थे। ये लोग इस्लामिक दावा सेंटर दिल्ली में काम करते थे और कमजोर वर्ग के लोगों, गरीबों और दिव्यांगों को पैसे का लालच देकर धर्मांतरण रैकेट चला रहे थे। इनकी गतिविधियां दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब और अन्य प्रदेशों में फैली हुई थीं। कुल 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिनमें से 16 को अदालत ने दोषी करार दिया है। 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि 4 अन्य को 10 साल की सजा दी गई है। सरगना मौलाना उमर गौतम, जहांगीर आलम कासमी और कलीम सिद्दीकी समेत 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। चार्जशीट में शामिल एक व्यक्ति की कार्रवाई पर माननीय उच्च न्यायालय ने रोक लगाई थी।”