
रायपुर, 25 अप्रैल 2025
बढ़ते दबाव के बीच माओवादियों ने एक प्रेस नोट जारी कर माओवादी विद्रोहियों के खिलाफ अभूतपूर्व संयुक्त अभियान को तत्काल रोकने की अपील की है। यह अभियान छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों की सेनाओं द्वारा सोमवार से संयुक्त रूप से शुरू किया गया है।
पिछले चार दिनों से सुरक्षा बलों ने तेलंगाना की सीमा से लगे बीजापुर जिले की कर्रेगट्टा पहाड़ियों की घेराबंदी कर रखी है। यह पहाड़ी छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित माओवादी नेताओं का रणनीतिक गढ़ है।रूपेश ने स्वयं को उत्तर-पश्चिम उप-क्षेत्रीय ब्यूरो का प्रभारी बताते हुए एक प्रेस नोट जारी कर सरकार से संघर्ष को सुलझाने के लिए सेना वापस बुलाने और बातचीत को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सैन्य कार्रवाई को एक महीने के लिए स्थगित करने से वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बन सकता है, जिससे संभावित रूप से सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं।उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन को तुरंत रोका जाना चाहिए और सेना को वापस बुलाया जाना चाहिए।
हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि वह बातचीत के जरिए समस्या का समाधान करने का रास्ता अपनाए और अनुकूल माहौल बनाए। पैम्फलेट के अनुसार (जिसे प्रेस नोट के रूप में रिपोर्ट किया गया है) उन्होंने लिखा कि इस रास्ते से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे, इसलिए सैन्य अभियान को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया।
नोट में लिखा था, “हमारी अपील पर सरकार की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है।” पिछले चार दिनों से इस इलाके में माओवादियों के खिलाफ कई सौ जवानों का संयुक्त अभियान चल रहा है। अब तक रुक-रुक कर हो रही गोलीबारी में छह माओवादियों के मारे जाने की खबर है। कर्रेगट्टा वही स्थान है जहां हिडमा, देवा, दामोदर जैसे कट्टर कमांडरों सहित कई माओवादी डेरा डाले हुए हैं। सामरिक जवाबी आक्रामक अभियान (टीसीओसी) के दौरान छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के राज्य बलों ने माओवादियों के खिलाफ सबसे बड़ा संयुक्त अभियान शुरू किया है।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ ‘निर्णायक अभियान’ शुरू किया है। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में सैकड़ों स्पेशल कमांडो ने सैकड़ों माओवादियों को घेर लिया है। यह क्षेत्र कर्रेगट्टा, नडपल्ली और पुजारी के घने जंगलों से घिरा हुआ है और कांकेर को माओवादी बटालियन नंबर 1 का गढ़ माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि माओवादियों के पास अब भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। माओवादी विद्रोहियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में, छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसके तहत तीन माओवादी मारे गए हैं, तथा पुलिस ने उनके शव बरामद कर लिए हैं।
अधिकारियों ने बताया है कि क्षेत्र में कई माओवादी मौजूद हैं, जिन्हें सुरक्षा बलों ने घेर लिया है। मुठभेड़ को भीषण एवं तीव्र बताया गया है तथा ऑपरेशन समाप्त होने के बाद आगे विस्तृत जानकारी मिलने की उम्मीद है।
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के पुलिस बलों की भागीदारी वाला यह संयुक्त अभियान, दोनों राज्यों की सीमा पर अब तक का सबसे बड़ा अभियान है। लगभग 150 माओवादियों को घेर लिया गया है तथा तीन दिनों से गोलीबारी जारी है। जिन लोगों को घेरा गया है उनमें हिडमा, देवा और दामोदर जैसे हाई-प्रोफाइल माओवादी नेता शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक पर एक करोड़ का इनाम है। वर्तमान संघर्ष से संकेत मिलता है कि कई प्रमुख विद्रोहियों को निष्प्रभावी किया जा सकता है।






