पशुओं में गलघोंटू, खुरपका-मुंहपका, ब्लैक क्वार्टर और थनैला रोग का खतरा बढ़ा: पशुपालकों को सावधानी बरतने की सलाह

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सुलतानपुर, 30 सितम्बर:

लगातार हो रही भारी बारिश से पशुपालकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। कृषि विज्ञान केंद्र पर तैनात पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ. गौरव पाण्डेय ने अधिक वर्षा के चलते पशुओं में बीमारियों का खतरा बढ़ने की चेतावनी दी है। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित बारासिन केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. पाण्डेय ने कहा कि पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश जहां धान की फसल के लिए लाभकारी है, वहीं यदि उचित देखभाल न की जाए तो पशुओं के लिए खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकती है।

उन्होंने बताया कि इस मौसम में पशुओं को गलघोंटू, खुरपका-मुंहपका, ब्लैक क्वार्टर और थनैला जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। इन बीमारियों से बचाव के लिए पशुपालकों को समय रहते सावधानी बरतनी चाहिए। पशुओं के बांधने वाले स्थान की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

डॉ. पाण्डेय ने सुझाव दिया कि पशुओं को संतुलित आहार दें और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गुड़, हल्दी और अदरक का सेवन कराएं। उन्होंने कहा कि बीमार पशुओं को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले। पशुओं को बारिश में भीगने से बचाएं और उन्हें सूखे व ऊंचे स्थान पर बांधें, जहां पानी न भरे और कीचड़ न हो।

उन्होंने कहा कि पशुओं के रहने वाले स्थान पर मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रबंध करें और खराब भोजन उन्हें न खिलाएं। पशुओं का समय पर टीकाकरण कराना अति आवश्यक है ताकि उन्हें गलघोंटू, खुरपका-मुंहपका, ब्लैक क्वार्टर और थनैला जैसी बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सके।

पशुचिकित्सा वैज्ञानिक ने पशुपालकों से अपील की कि अगर उनके पशु बीमार हो जाएं तो तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लें और उनका सही इलाज करवाएं, ताकि किसी भी प्रकार की हानि से बचा जा सके।

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