श्रीनगर, 8 सितंबर 2024
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अफजल गुरु की फांसी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने से कोई मकसद पूरा नहीं हुआ. यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार अफजल गुरु की फांसी को कभी मंजूरी नहीं देती और उसकी फांसी में जम्मू-कश्मीर सरकार की कोई भागीदारी नहीं थी.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला का कहना था,
‘ये बात दुर्भाग्यपूर्ण थी कि जम्मू-कश्मीर सरकार का अफजल गुरु की फांसी से कोई लेना-देना नहीं था. अगर आपको ये काम राज्य सरकार की अनुमति से करना पड़ता तो मैं आपको स्पष्ट रूप से बता सकता हूं कि इसकी अनुमति नहीं मिलती. हमने यह नहीं किया होता. मैं नहीं मानता कि उसे फांसी देने से कोई मकसद पूरा हुआ.’
इस दौरान उमर अब्दुल्ला ने ये भी कहा कि वो मौत की सजा के खिलाफ हैं और वो इस बात पर विश्वास नहीं करते की अदालतें अचूक हैं. उनके मुताबिक हो सकता है कि भारत में ऐसा न हो, लेकिन अन्य देशों में जहां लोगों को फांसी दी गई, बाद में सबूतों में पाया गया कि फैसला गलत निकला.
बता दें कि अफजल गुरु 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. उसे 9 फरवरी, 2013 को फांसी पर लटकाया गया था. जब अफजल गुरु को फांसी दी गई थी, उस समय उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे. अफजल को फांसी पर लटकाए जाने के बाद कश्मीर में उनकी सरकार को काफी नाराजगी का सामना करना पड़ा था.