श्रीनगर, 15 मई 2025
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आने के बाद बुधवार को एक लापता सैनिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें उसने दावा किया था कि पहलगाम आतंकवादी हमला एक “अंदरूनी काम” था। पुलिस के अनुसार, जवान दलहिर मुश्ताक सोफी 29 राष्ट्रीय राइफल्स का सिपाही है और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके का निवासी है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “गुमशुदगी की रिपोर्ट… 11.03.2025 को दर्ज की गई थी। सोशल मीडिया पर उसका वीडियो सामने आने के बाद इसे एफआईआर में बदल दिया गया है।”
वीडियो में सोफी दावा करते हैं कि उन्हें “हर चीज की जानकारी है और वे जानते हैं कि फर्जी मुठभेड़ें कैसे की जाती हैं।” वीडियो में सैनिक कहता है, “पहलगाम हमले में भारत सरकार, रॉ, आईबी और सेना शामिल थी। मैं चुप रहना चाहता था, लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझे अब चुप रहने की इजाजत नहीं देती।” सैनिक ने यह भी कहा कि उसके माता-पिता ने उसे सशस्त्र बलों में शामिल कराकर गलती की थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोफी के पिता और चाचा द्वारा सत्यापित वीडियो के आधार पर गंदेरबल पुलिस स्टेशन में धारा 197(डी), 152 बीएनएस के तहत एफआईआर संख्या 75/2025 दर्ज की गई। बीएनएस की धारा 197 राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले आरोप, दावे या संचार से संबंधित अपराधों से संबंधित है। यह धारा झूठे या भ्रामक बयान देने पर लागू होती है जो भारत की संप्रभुता, एकता या अखंडता को खतरे में डाल सकते हैं। धारा 152 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से संबंधित है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सिपाही ऑनलाइन जुए में लिप्त था और उस पर 10 लाख रुपये से अधिक का कर्ज था। अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।