कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंकवाद और अलगाववाद में झोंकने की रची है साजिश- अमित शाह

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नई दिल्ली, 24 अगस्त

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस के नापाक, बेमेल और सत्ता स्वार्थ आधारित गठबंधन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, ‘सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के साथ गठबंधन कर फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है।’

अमित शाह ने कहा कि, ‘कांग्रेस के साथ गठबंधन में नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में कई ऐसे वादे किये हैं, जो न केवल देशविरोधी है बल्कि देश की एकता और अखंडता पर भी सीधा हमला है। भारतवर्ष की महान जनता कांग्रेस और नेशनल कान्फेंस के नापाक मंसूबों एवं देशविरोधी साजिशों को अच्छे तरीके से समझती और वह ऐसे मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देगी।’

एनसी के ‘अलग झंडे’ को समर्थन करती है कांग्रेस?
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नेशनल कांफ्रेंस के घोषणा पत्र के वादों पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से 10 ज्वलंत सवाल पूछे। उन्होंने कांग्रेस से पहला प्रश्न सीधे-सीधे यह किया कि क्या कांग्रेस ‘नेशनल कांफ्रेंस’ के जम्मू-कश्मीर में फिर से ‘अलग झंडे’ के वादे का समर्थन करती है? नेशनल कान्फेंस के घोषणापत्र के पेज नंबर- 27 में इस बात का जिक्र किया गया है कि, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की सरकार बनने पर फिर से अलग झंडे को लाया जाएगा।’

क्या आर्टिकल- 370 और 35A को वापस लाएगी कांग्रेस?
कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने दूसरा प्रश्न पूछा कि, ‘क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आर्टिकल- 370 और 35A को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के JKNC के निर्णय का समर्थन करती है? नेशनल कान्फेंस के घोषणापत्र के पृष्ठ संख्या- 10 पर इसका उल्लेख है। साथ ही इसकी मंशा नेशनल कांफ्रेंस अपने मेनिफेस्टो के पेज नंबर- 27 पर भी जाहिर करती है। ज्ञात हो कि, नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र में संसद के विचार को पलटते हुए धारा- 370 और 35A को फिर से लाने का वादा किया है। कांग्रेस ने नेशनल कांफ्रेंस की ऐसी घोषणा के बावजूद उससे गठबंधन किया है।’

पाक वार्ता और अलगाववाद को देगी समर्थन?
शाह ने कांग्रेस से तीसरा प्रश्न पूछा कि, ‘क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है? नेशनल कान्फेंस के घोषणापत्र के पृष्ठ संख्या- 10 पर ही ये वादा भी किया गया है। ये सर्वविदित है कि पाक प्रायोजित आतंकवाद और अलगाववाद ने जम्मू-कश्मीर को अशांत बनाए रखा, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस फिर से जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाव के उसी दौर का समर्थन कर रही है।’

पाकिस्तान के साथ ‘LoC ट्रेड’ शुरू करेगी?
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कांग्रेस पर चौथा सवाल ये दागा कि क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, पाकिस्तान के साथ ‘LoC ट्रेड’ शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं? नेशनल कांफ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो के पेज नंबर- 23 पर इसका जिक्र किया है।’

शाह के कुछ और ज्वलंत सवाल
केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस से पांचवां सवाल पूछा कि, ‘क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल कर आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है? नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र के पृष्ठ संख्या- 11 पर ये कहा है। ये कार्य सीधे-सीधे राज्य में अशांति को दावत देने जैसा है।’ उन्होंने कहा कि, धारा- 370 और 35A के उन्मूलन के बाद जम्मू-कश्मीर में देश का क़ानून लागू हुआ है। दलितों, पिछड़ों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों को संवैधानिक अधिकार मिले हैं। इससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है।

‘आरक्षण विरोधी कांग्रेस’
इसी संदर्भ में छठा सवाल करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कांग्रेस से पूछा कि, ‘कांग्रेस और नेशनल कान्फेंस के बेमेल गठबंधन से एक बार फिर कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के JKNC के वादे के साथ है? नेशनल कांफ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो के पेज नंबर 22 पर अपनी ये मंशा जाहिर की है।

…तो ‘हरि पर्वत’ ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएं?
अमित शाह ने कांग्रेस पर सातवां सवाल दागा कि, ‘क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य पर्वत’ ‘तख़्त-ए-सुलिमान’ और ‘हरि पर्वत’ ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाने जाएं? यदि नेशनल कांफ्रेंस के मेनिफेस्टो को देखा जाय तो यही लगता है। क्योंकि, नेशनल कांफ्रेंस ने अपने घोषणापत्र के पेज नंबर- 21 पर ये स्पष्ट कहा है। यह सर्वविदित है कि कांग्रेस, नेशनल कान्फेंस और पीडीपी की सरकारों में हुए भ्रष्टाचार ने जम्मू-कश्मीर को तबाह करके रख दिया था।’

कांग्रेस-एनसी- पीडीपी ने घाटी में भेदभाव पैदा किया
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस से आठवां सवाल पूछा कि, ‘क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है? नेशनल कांफ्रेंस का इरादा तो यही लगता है। कांग्रेस, नेशनल कान्फेंस और पीडीपी ने जम्मू और घाटी के बीच हमेशा भेदभाव किया और घाटी के लोगों को हमेशा भड़काया हालांकि जम्मू और घाटी की आवाम ने हर हमेशा इनके नापाक मंसूबों पर पानी फेरा है।’

कांग्रेस से 10 सुलगते सवाल
इसी को लेकर कांग्रेस से नवां सवाल करते हुए अमित शाह ने पूछा, ‘क्या कांग्रेस पार्टी JKNC के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है? अंत में दसवां प्रश्न पूछते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की JKNC की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं? उन्होंने कहा कि, कांग्रेस को इन सभी 10 सवालों का जवाब देना चाहिए।

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