मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 अगस्त को एक हाथ से लिखे हुए नोट के माध्यम से आईएफएस अधिकारी राहुल को राजाजी नेशनल पार्क का चीफ कंसर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट नियुक्त किया था. 9 अगस्त को राहुल ने चार्ज ले लिया. अब तक राहुल एक नॉन-फील्ड पोस्टिंग पर थे. उनके पास फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मॉनिटरिंग, इवैल्यूएशन, आईटी एवं आधुनिकीकरण डिवीजन का चार्ज था. रिकॉर्ड्स बताते हैं कि अब उनकी नई पोस्टिंग हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया कि राज्य फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें बताया कि IFS राहुल का नाम जिम कॉर्बेट में पेड़ों के अवैध कटान और अवैध निर्माण में नहीं था. CBI की FIR में भी उनका नाम नहीं था. हालांकि उनके खिलाफ विभागीय जांच हुई थी पर उस बात को भी अब दो साल बीत चुके हैं.
जबसे राहुल को जिम कॉर्बेट से हटाया गया, उसके बाद से उन्हें देहरादून में नॉन-फील्ड पोस्टिंग्स दी गईं. रिकॉर्ड्स के मुताबिक उन्हें टाइगर रिजर्व का प्रभारी बनाने की दिशा में पहला कदम 18 जुलाई को उठाया गया. उस समय उत्तराखंड के वन मंत्री ने मुख्यमंत्री की मंज़ूरी के साथ राजाजी टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डायरेक्टर सहित 12 IFoS अधिकारियों के ट्रांसफर की एक प्रस्तावित लिस्ट को संशोधित की थी. संशोधित सूची में एक बढ़ोतरी थी राहुल की नई पोस्टिंग.
इसके बाद जब वन मंत्री, मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के माध्यम एक नोट भेजा गया. इसमें राहुल के खिलाफ चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाही, सीबीआई जांच और कॉर्बेट के अंदर पाखरो बाघ सफारी के लिए अवैध कटाई और निर्माण कार्य के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में संबंधित मामले को देखते हुए, उनकी नियुक्ति पर पुनर्विचार की मांग की गई.