
देहरादून, 19 जुलाई 2025:
देहरादून के सहसपुर जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चार्जशीट दाखिल करने पर उत्तराखंड सरकार के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जांच को फर्जी बताते हुए कहा कि वो पहले भी दो सीएम के कार्यकाल में हुई जांच में बेकसूर निकले हैं। ये सिर्फ राजनैतिक साजिश है। सारे आरोप झूठे हैं कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के आरोपों की बुनियाद हिल जाएगी।
बता दें कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ कल स्पेशल एमपीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत, करीब बिरेंद्र सिंह कंडारी, लक्ष्मी राणा और श्रीमति पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट को लेकर उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने मीडिया से रूबरू होकर ईडी को खरी खोटी सुनाई।
उन्होंने ईडी की पूरी जांच को ही “फर्जी” करार दिया और कहा कि यह राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश है। पूर्व मंत्री ने दावा किया कि इस मामले में पहले दो मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में जांच हुई थी और तब भी वह निर्दोष साबित हुए थे। पहले भी इस तरह की जांचों का सामना किया है। अब ईडी की चार्जशीट भी हमारे खिलाफ कुछ नहीं साबित कर पाएगी। चार्जशीट दाखिल होते ही मामला ईडी के हाथ से निकलकर अब न्यायालय के दायरे में आ गया है और वहीं जाकर सच्चाई सामने आएगी।
पूर्व मंत्री रावत ने कहा हमें अब राहत महसूस हो रही है क्योंकि अब फैसला कोर्ट करेगा, और हम जानते हैं कि कोर्ट में हम इन आरोपों की बुनियाद हिला देंगे। चार्जशीट में जो बातें लिखी गई हैं, वे केवल एकपक्षीय कहानी हैं। हमें भरोसा है कि कोर्ट में जब हमारी बात सुनी जाएगी, तो सच्चाई सामने आएगी और हम जीतेंगे। हरक सिंह रावत ने इस पूरे घटनाक्रम को अपनी छवि को धूमिल करने की साजिश करार दिया।