
नई दिल्ली, 6 अगस्त 2025
रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी बड़े पैमाने पर बैंक ऋण धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। अनिल अंबानी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए आज सुबह 11 बजे दिल्ली स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो कार्यालय पहुंचे।
24 जुलाई को, ईडी ने मुंबई में 35 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया और समन जारी किए, जिनमें 50 कंपनियां और उनके कारोबार से जुड़े 25 व्यक्ति शामिल थे। ईडी, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आर इंफ्रा) सहित अनिल अंबानी समूह की कई संस्थाओं द्वारा 17,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं और बैंक ऋण धोखाधड़ी की जांच कर रहा है।
मुख्य आरोप यह है कि 2017 और 2019 के बीच यस बैंक द्वारा दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋणों को डायवर्ट किया गया। एजेंसी को यस बैंक की ऋण स्वीकृतियों में गंभीर अनियमितताओं का संदेह है, जिसमें बैंक की आंतरिक ऋण नीति का उल्लंघन भी शामिल है। ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों और सेबी, राष्ट्रीय आवास बैंक, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी नियामक संस्थाओं द्वारा दायर रिपोर्टों के आधार पर एक मामला दर्ज किया है और जाँच कर रहा है।
रिलायंस समूह के प्रवक्ता ने गड़बड़ी के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंबानी मार्च 2022 से आर इंफ्रा के बोर्ड में शामिल नहीं हैं। ईडी आरसीएम और केनरा बैंक के बीच 1,050 करोड़ रुपये के एक अलग ऋण धोखाधड़ी मामले की जांच कर रहा है, साथ ही अघोषित विदेशी बैंक खातों और संपत्तियों के संदेह की भी जांच कर रहा है।






