
गोरखपुर/लखनऊ, 7 अप्रैल 2025
यूपी के पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी के पुत्र एवं चिल्लूपार क्षेत्र के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के
गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा और मुंबई सहित कई ठिकानों पर सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक साथ छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बैंक धोखाधड़ी मामले में चल रही कार्रवाई
ईडी की जांच में सामने आया था कि विनय शंकर तिवारी और उनकी कंपनी मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों और गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाएं ली थीं। बाद में इस राशि का गबन कर उसे अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया, जिससे बैंकों को लगभग 754 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
2023 में ईडी ने जब्त की थीं संपत्तियां
इससे पहले नवंबर 2023 में ईडी ने विनय शंकर तिवारी की 72 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया था। जब्त की गई संपत्तियों में गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ में स्थित कृषि योग्य भूमि, व्यावसायिक कांप्लेक्स, आवासीय परिसर और भूखंड शामिल थे। यह कार्रवाई गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा किए गए बैंक धोखाधड़ी के मामले में की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार सुबह करीब 6 बजे ईडी की टीम दो गाड़ियों में सवार होकर गोरखपुर के धर्मशाला बाजार स्थित स्व. हरिशंकर तिवारी के आवास पर पहुंची और वहां छापेमारी शुरू की। गौरतलब है कि गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड मुख्यतः सड़कों के निर्माण, टोल प्लाजा के संचालन और विभिन्न सरकारी अनुबंधों में काम करती है। इस कंपनी के मुख्य प्रवर्तकों में विनय शंकर तिवारी के अलावा रीता तिवारी और अजीत पांडे का भी नाम शामिल है। बैंक धोखाधड़ी का यह मामला वर्ष 2012 से 2016 के बीच का है।