वाराणसी, 16 जुलाई 2025:
पवित्र नगरी काशी में गंगा अब रौद्र रूप में नजर आ रही हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण वाराणसी के सभी 84 घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं। अस्सी घाट पर प्रतिष्ठित ‘सुबह-ए-बनारस’ कार्यक्रम का मंच भी गंगा के पानी में समा गया है। जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है। इससे लोगों को बाढ़ का भय सताने लगा है।
शीतला माता मंदिर जलमग्न, मुखौटा अहिलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित
गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने से दशाश्वमेध घाट स्थित ऐतिहासिक शीतला माता मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया है। सिर्फ मंदिर का शिखर ही पानी से बाहर दिखाई दे रहा है। मां शीतला का मुखौटा रात्रि आरती के बाद अहिल्याबाई घाट स्थित अहिलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित कर दिया गया है, जहां नियमित पूजा-अर्चना शुरू हो गई है।
नमो घाट पर प्रतिष्ठित ‘नमस्ते’ स्कल्पचर का निचला हिस्सा भी पानी में डूब गया है। अस्सी से राजघाट तक घाटों पर स्थित सभी छोटे-बड़े मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। कई मंदिरों के तो केवल शिखर ही नजर आ रहे हैं।
मोटरबोट से गंगा आरती देखने पर लगी रोक
गंगा आरती को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। दशाश्वमेध घाट पर अब आरती केवल सांकेतिक रूप से की जाएगी। जल पुलिस ने मोटरबोट पर बैठकर आरती देखने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह छतों पर किया जा रहा है, वहीं हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में अंतिम संस्कार हो रहा है।
सुरक्षा की दृष्टि से एनडीआरएफ और पीएसी की टीमें घाटों पर तैनात कर दी गई हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है। लोगों से अपील की गई है कि वे गंगा के किनारे जाने से बचें।