
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 1 अप्रैल 2025:
वाराणसी में श्री काशी जीवनदायिनी गौशाला से सोमवार को मां गणगौर की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इसमें राजस्थानी संस्कृति की अनुपम छटा बिखरी। शोभायात्रा में आगे विघ्नहर्ता गणेश जी की प्रतिमा और उसके बाद 125 वर्ष पुरानी मां गणगौर की ऐतिहासिक प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र बनी।
मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में माता की जय-जयकार की, वहीं पुरुष पगड़ी बांधकर इस आयोजन में शामिल हुए। शोभायात्रा के मार्ग में बैंड-बाजे, शहनाई और राम नाम की गूंज माहौल को भक्तिमय बना रही थी।
गौशाला में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद संस्था अध्यक्ष दीपक कुमार बजाज और मंत्री पवन कुमार अग्रवाल ने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान कई गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
शोभायात्रा नीचीबाग, चौक, बांसफाटक, गोदौलिया होते हुए लक्सा स्थित श्याम मंदिर पहुंची, जहां समाज की महिलाओं और कन्याओं ने मां गणगौर की पूजा की। संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि यह त्योहार सौभाग्य की कामना करने वाली महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है और इसे भारत समेत विदेशों में भी हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस आयोजन में समाज के प्रमुख गणमान्य लोग उपस्थित रहे। शोभायात्रा धार्मिक आस्था का प्रतीक बनने के साथ राजस्थानी संस्कृति और परंपरा को जीवंत करने का माध्यम भी साबित हुई।







