
गाज़ियाबाद,28 अक्टूबर 2024
दिवाली से पहले जिले की हवा खराब हो गई है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन हो रही है। ग्रैप का दूसरा चरण लागू होने के बावजूद, रविवार को गाजियाबाद का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 377 तक पहुंच गया, जिससे यह देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। 24 घंटे का औसत AQI निकालने पर गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर भी बन गया है।
गाजियाबाद का औसत AQI 324 रेकॉर्ड किया गया, जबकि देश का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली रहा, जिसका AQI 356 था। अनुमान है कि दिवाली और उसके बाद प्रदूषण स्तर खराब से बहुत खराब के बीच रहेगा, और दिवाली के अगले दिन यह और खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है।
ग्रैप का दूसरा चरण लागू होने के बावजूद प्रदूषण से निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। रविवार को पांडवनगर के फ्लाईओवर के नीचे कूड़ा जलाने की घटना हुई, जिससे घंटों तक धुआं उठता रहा और आसपास के क्षेत्र में लोगों को दिक्कत हुई। इसके अलावा, शहर की टूटी सड़कों के कारण हवा में पीएम10 का स्तर भी बढ़ रहा है। हालांकि, सड़कों को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
करोड़ों की वसूली, खर्च शून्य: प्रदूषण से राहत के लिए नहीं किया जा रहा सही उपयोग
प्रदूषण फैलाने के नाम पर अलग-अलग विभागों द्वारा करोड़ों रुपये की वसूली की जाती है, लेकिन इस पैसे का उपयोग प्रदूषण नियंत्रण के लिए नहीं किया जाता। पर्यावरणविद आकाश वशिष्ठ के अनुसार, जब जुर्माना वसूला जाता है, तो उसका उपयोग प्रदूषण को कम करने में होना चाहिए। लेकिन प्रशासन इस पैसे का सही उपयोग न करके जिले की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। पिछले सालों में जुर्माने के रूप में कई करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।