Business

सोने ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, जानिए भारत समेत दुनिया में क्यों बेकाबू हुईं कीमतें

श्विक तनाव और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की तलाश ने सोने को रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा दिया है। भारत में कीमतें तेजी से बढ़ने के कारण खपत घटी है, लेकिन खरीदारी का पैटर्न बदलकर अब लोग कम कैरेट के गहनों को प्राथमिकता दे रहे हैं

बिजनेस डेस्क, 27 दिसंबर 2025:

दुनिया भर में सोने की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार को सोना 50.87 डॉलर प्रति औंस की तेजी के साथ 4,530.42 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ। यही नहीं, भारत में भी सोना हर दिन नई ऊंचाई छू रहा है। जानकारों के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितता और निवेशकों की सुरक्षित विकल्प की तलाश ने सोने को फिर से सबसे पसंदीदा निवेश बना दिया है।

दिल्ली में 24 कैरेट सोना रिकॉर्ड स्तर पर

भारत की बात करें तो शुक्रवार को दिल्ली के बाजार में 24 कैरेट यानी 99.9 प्रतिशत शुद्ध सोना 1,500 रुपये की तेजी के साथ 1,42,300 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स सहित) पर पहुंच गया। एक दिन पहले इसका भाव 1,40,800 रुपये था। खास बात यह है कि 31 दिसंबर 2024 को यही सोना 78,950 रुपये प्रति 10 ग्राम था। यानी एक साल से भी कम समय में इसकी कीमत 63,350 रुपये बढ़ गई, जो करीब 80.24 प्रतिशत की जबरदस्त तेजी को दिखाता है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिला सपोर्ट

वैश्विक बाजारों में सोने की तेजी के पीछे कई अहम कारण हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा आगे भी ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनी हुई है। इससे कमोडिटी बाजार में सकारात्मक माहौल बना है। इसके अलावा डॉलर इंडेक्स में कमजोरी ने भी सोने को मजबूती दी है, क्योंकि डॉलर कमजोर होने पर दूसरे देशों के निवेशकों के लिए सोना सस्ता हो जाता है।

महंगा सोना, घटती खपत

सोने की कीमतें आसमान छूने के कारण भारत में इसकी खपत पर असर दिखने लगा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, साल 2024 में भारत में 802.8 टन सोने की खपत हुई थी, जबकि 2025 में यह घटकर 650 से 700 टन रहने का अनुमान है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच कुल 462.4 टन सोना ही बिक सका। इसके बावजूद, रुपये की कमजोरी और ऊंचे भाव के कारण भारत का गोल्ड इंपोर्ट बिल बढ़कर 55 अरब डॉलर पहुंच गया है, जो पिछले साल से करीब दो प्रतिशत ज्यादा है।

लोगों ने बदला खरीदारी का तरीका

सोना महंगा होने के बावजूद शादी-ब्याह और पारंपरिक रस्मों में इसकी मांग बनी हुई है। पहले जहां लोग भारी गहनों से हल्के गहनों की ओर शिफ्ट हुए, अब वे कम कैरेट के गहने खरीद रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल इंडिया के सीईओ सचिन जैन के मुताबिक, अब बाजार में करीब 50 प्रतिशत गहने 14 से 18 कैरेट के बनने लगे हैं। वहीं, मांग घटने के चलते नवंबर महीने में सोने का आयात घटकर सिर्फ 32 से 40 टन रहने का अनुमान है, जो महीने दर महीने 73 प्रतिशत और साल दर साल 59 प्रतिशत की गिरावट को दिखाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button