गोरखपुर, 22 नवम्बर 2024:
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सीनियर छात्रों द्वारा अनुशासनहीनता का मामला सामने आया है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुष्टि हुई है कि एमबीबीएस 2023 बैच के सात सीनियर छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए आवंटित राजेंद्र हॉस्टल में बिना अनुमति प्रवेश कर गए थे। हालांकि, रैगिंग के साक्ष्य नहीं मिले हैं, फिर भी कॉलेज प्रशासन और एंटी रैगिंग कमेटी ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए सातों छात्रों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है।
यह घटना 10 और 11 नवंबर की रात की है, जब एमबीबीएस 2024 बैच के छात्र छठ की छुट्टियों के बाद हॉस्टल लौटे थे। रात करीब 10 बजे सीनियर छात्र हॉस्टल में घुसे और लगभग आधे घंटे तक वहां रहे। किसी अज्ञात व्यक्ति ने ईमेल के जरिए एंटी रैगिंग सेल को इस घटना की जानकारी दी, जिसके बाद कॉलेज प्रशासन सक्रिय हुआ। हॉस्टल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच में पाया गया कि सीनियर छात्रों ने हॉस्टल में अनधिकृत प्रवेश किया था।
सीनियर छात्रों का तर्क:
आरोपी सीनियर छात्रों ने अपनी सफाई में कहा कि वे जूनियर छात्रों की क्रिकेट टीम तैयार करने के उद्देश्य से हॉस्टल पहुंचे थे। हालांकि, उन्होंने न तो इस गतिविधि के लिए शिक्षकों से अनुमति ली थी और न ही क्रिकेट मैच आयोजन की कोई सूचना कॉलेज प्रशासन को दी थी।
कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई:
कॉलेज प्रशासन और एंटी रैगिंग कमेटी ने सीनियर छात्रों के इस कृत्य को रैगिंग की श्रेणी में माना है। दोषी पाए गए सातों छात्रों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस दौरान वे न तो हॉस्टल में रह सकेंगे, न क्लास में शामिल हो सकेंगे और न ही कॉलेज कैंपस में प्रवेश कर सकेंगे। निलंबित छात्रों को उनके परिजनों को सौंपा जाएगा।
प्राचार्य का बयान:
प्राचार्य ने बताया, “हॉस्टल में सीनियर छात्रों की एंट्री की पुष्टि हुई है, लेकिन रैगिंग के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। इसके बावजूद यह गंभीर अनुशासनहीनता है। निलंबन की अवधि पूरी होने के बाद छात्रों से एक शपथ पत्र लिया जाएगा। भविष्य में यदि ऐसा दोबारा हुआ तो और कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
यह मामला कॉलेज में अनुशासन को लेकर कड़ा संदेश देता है और रैगिंग जैसे मामलों पर सख्ती बरतने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।