अंशुल मौर्य
वाराणसी, 6 जनवरी 2025:
यूपी के वाराणसी शहर में लोगों की जान के लिए खतरा बने चायनीज मांझे के खिलाफ शुरू हुई मुहिम ने जनांदोलन का रूप ले लिया है। कातिल मांझे पर प्रतिबंध लगाने के लिए लोग सड़क पर उतर रहे हैं। काशीवासियों ने रविवार को टाउन हॉल में गांधी प्रतिमा के समक्ष उपवास रखकर कातिल मांझे के खिलाफ आवाज मुखर की।
आम लोगों के साथ आए नेता और महंत
महामृत्युंजय मंदिर के महंत, सपा नेता किशन दीक्षित, पूर्व पार्षद मनोज यादव के साथ दर्जनों लोगों ने मुंह पर काली पट्टी बांधने के साथ हाथों में तख्तियां लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की। आंदोलन का रूप ले रही इस मुहिम से लगातार लोग जुड़ रहे हैं। सभी की मांग है कि कातिल मांझे की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए।
ये मांझा ले रहा लोगों की जान
उनका कहना है कि कातिल मांझे की चपेट में आने से लोग जान गवां रहे हैं। कई लोग घायल हो रहे हैं। उन्होंने सवाल किय कि जब कानून ने कातिल बने चाइनीज मांझे पर रोक लगाई है तो ये बिक कैसे रहा है? सरकार और प्रशासन के अधिकारी इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं?
कातिल मांझे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग
उपवास पर बैठे अश्विनी तिवारी, अशोक नायक, राहुल गुप्ता, अनिल यादव, महेंद्र सिंह, अहमद रजा कमाली, अमित चौबे, राघव यादव सहित अन्य लोगों ने मांग की है कि सरकार कातिल मांझे की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए। लोगों ने कहा कि वे मांझे के खिलाफ लड़ते रहेंगे और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहेंगे।