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गुरुग्राम किडनी रैकेट: डॉ. अमित कुमार की क्रूरता और ‘डॉक्टर डेथ’ से कनेक्शन

गुरुग्राम, 22 मई 2025

गुरुग्राम किडनी रैकेट का सरगना डॉ. अमित कुमार, जो ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से कुख्यात देवेंद्र शर्मा से भी ज्यादा क्रूर था, एक बार फिर सुर्खियों में है। डॉ. अमित ने 7 साल तक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का कारोबार किया और 750 से ज्यादा किडनियां निकाल कर विदेशी ग्राहकों के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दीं। वह न केवल अवैध सर्जरी करता था, बल्कि यह सब उसने बिना किसी चिकित्सा शिक्षा और सर्जरी का अनुभव रखे किया।

2007-08 में इस रैकेट का खुलासा हुआ, जब एक व्यक्ति ने गुरुग्राम पुलिस से शिकायत की कि उसकी किडनी अवैध तरीके से निकाल ली गई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और डॉ. अमित कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. अमित और उसके भाई जीवन कुमार ने मिलकर इस रैकेट को चलाया और जब मामला उजागर हुआ तो वे फरार हो गए थे। बाद में, 2008 में डॉ. अमित को नेपाल से गिरफ्तार कर लिया गया।

यह रैकेट न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों में फैल चुका था, बल्कि डॉ. अमित ने विदेशों से आए हुए ग्राहकों को भी अपने धंधे में शामिल किया था। इन ग्राहकों से वह 40 से 50 लाख रुपये प्रति किडनी वसूल करता था। उसकी क्रूरता की हद यह थी कि उसने किडनी निकालने के बाद कई पीड़ितों के पेट सिलने में लापरवाही बरती, जिसके कारण कुछ की मौत भी हो गई।

सीबीआई ने जांच की और 2013 में डॉ. अमित कुमार और उसके साथियों को दोषी ठहराते हुए सात साल की कठोर सजा सुनाई थी। इस किडनी रैकेट के जरिए डॉ. अमित ने 750 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किए और इस धंधे से करोड़ों रुपये कमाए।

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