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दिल्ली-NCR का अगला निवेश हब बनता हापुड़ : इन्वेस्ट इन हापुड़ समिट 2025 में 1300 करोड़ के प्रस्ताव

हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की ओर से आयोजित इन्वेस्ट इन हापुड़ समिट में यशोदा ग्रुप, मैक्स, मेदांता, भारती, न्यूट्रिमा सहित कई बड़े निवेशकों ने दिया निवेश का आश्वासन

लखनऊ, 15 दिसंबर 2025:

यूपी को निवेश और औद्योगिक विकास का बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में सरकार के प्रयास लगातार रंग ला रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक नया और तेजी से उभरता निवेश गंतव्य बनकर हापुड़ सामने आया है। हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) दकी ओर विगत दिनों आयोजित ‘इन्वेस्ट इन हापुड़ समिट 2025’ ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले वर्षों में हापुड़ भी गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम की तरह बड़े निवेश केंद्र के रूप में अपनी मजबूत पहचान बनाएगा। समिट के दौरान कुल 1300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव सामने आए जिससे क्षेत्र के भविष्य को नई दिशा मिली है।

इस समिट का मुख्य उद्देश्य हापुड़-पिलखुवा क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को देश के प्रमुख निवेशकों के सामने प्रस्तुत करना और बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित करना रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूपी के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना रहे। उन्होंने समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियां, सुदृढ़ कानून-व्यवस्था और निवेश-अनुकूल माहौल के कारण प्रदेश आज देश के शीर्ष निवेश गंतव्यों में शामिल हो चुका है।

वित्त मंत्री ने 100 से अधिक निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर का विकास अब केवल कुछ सीमित क्षेत्रों तक सिमटा नहीं रहेगा। हापुड़ जैसे क्षेत्र अब नए विकास इंजन के रूप में उभर रहे हैं। उन्होंने हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. नितिन गौड़ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्राधिकरण ने कम समय में वित्तीय मजबूती और नियोजित विकास का प्रभावी मॉडल प्रस्तुत किया है।

समिट में प्रस्तुत आंकड़ों ने निवेशकों के भरोसे को और मजबूत किया। बीते दो वर्षों में एचपीडीए का कुल लाभ 172 करोड़ रुपये से बढ़कर 435 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वहीं नक्शों और विभिन्न स्वीकृतियों से होने वाली आय 5.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 26.32 करोड़ रुपये हो गई है। यह तेज वृद्धि प्रभावी प्रशासन, पारदर्शी प्रक्रिया और त्वरित निर्णय प्रणाली को दर्शाती है।

निवेशकों को यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि हापुड़ अब केवल ग्रामीण छवि वाला क्षेत्र नहीं रहा, बल्कि यह दिल्ली से लगभग 15 मिनट की दूरी पर स्थित एक उभरता शहरी और औद्योगिक केंद्र है। हापुड़ का मास्टर प्लान वर्ष 2024 में स्वीकृत हो चुका है। क्षेत्र की कनेक्टिविटी नेशनल हाईवे-9, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे से मजबूत है।

समिट में उद्योगपति, बिल्डर्स, अस्पताल, स्कूल-कॉलेज और ग्रुप हाउसिंग से जुड़े निवेशकों ने भाग लिया। भूमि की जानकारी ग्रामवार खसरे सहित उपलब्ध कराई गई। इससे निवेशकों को जमीन चयन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह योगी सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मॉडल का व्यावहारिक उदाहरण बना।

यशोदा ग्रुप, मैक्स, मेदांता, भारती और न्यूट्रिमा सहित कई बड़े निवेशकों ने हापुड़ में निवेश का आश्वासन दिया। यशोदा हॉस्पिटल ग्रुप ने 300 करोड़, एस्पायर ने 150 करोड़, दिव्यांश ग्रुप ने 200 करोड़, आनंतम ने 150 करोड़, विशाल त्यागी द्वारा आईटी पार्क में 200 करोड़, एमएंडएम ने 100 करोड़, वी मैप्स ने 150 करोड़ और पार्क सिटी ने 100 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।

एचपीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. नितिन गौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरिपुर आवासीय योजना के अंतर्गत 30 हेक्टेयर का नया लैंड बैंक विकसित किया जा रहा है, जिसमें से 21 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इन पहलों के साथ हापुड़ अब दिल्ली-एनसीआर के नए निवेश नक्शे पर तेजी से उभरता सितारा बनता जा रहा है।

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