
चंडीगढ़ | 17 मई 2025
हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) द्वारा घोषित 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों ने इस बार चौंका देने वाला आंकड़ा सामने रखा है। राज्य के 18 सरकारी स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं हो पाया है। इन स्कूलों का पासिंग प्रतिशत शून्य रहा है, जिससे राज्य में शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
HBSE ने 100 ऐसे स्कूलों की सूची जारी की है जिनका प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इस सूची में शामिल 18 स्कूलों से कुल 59 छात्र परीक्षा में शामिल हुए, लेकिन कोई भी उत्तीर्ण नहीं हो सका। सबसे अधिक 6 स्कूल नूंह जिले में हैं, जबकि फरीदाबाद के 4, और शेष गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, करनाल, पलवल, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर जिलों से हैं।
सबसे ज्यादा 23 छात्र यमुनानगर के हिंदू गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से परीक्षा में बैठे थे और सभी असफल हो गए।
HBSE के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार के मुताबिक, इस साल कुल पासिंग प्रतिशत 85% से ऊपर रहा, लेकिन जिला स्तर पर आई रिपोर्टों ने कई खामियों को उजागर कर दिया है।
खराब प्रदर्शन के कारणों में छात्रों की कम उपस्थिति, शिक्षकों की कमी और शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट प्रमुख माने जा रहे हैं। फरीदाबाद के जसाना स्थित नंबरदार पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि छात्रों को समय पर परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिल पाई थी, और कई नियमित कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो रहे थे।
वहीं नूंह के एक सरकारी स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक की नियुक्ति तीन साल से नहीं हो पाई है, जिससे छात्रों को खासतौर पर भाषा संबंधी विषयों में कठिनाई हुई।
सरकार अब इन 18 स्कूलों की गहन समीक्षा कर रही है और जल्द सुधारात्मक कदम उठाए जाने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्य को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ना है, तो इन समस्याओं का त्वरित समाधान अनिवार्य है।






