
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 4 जून 2025:
यूपी की वाराणसी सेंट्रल बार एसोसिएशन और बनारस बार के वकीलों ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के पूर्व को-चेयरमैन और उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के प्रतिनिधि श्रीनाथ त्रिपाठी की सदस्यता बहाल रखने के फैसले को सराहा है। वहीं संगठन ने इस जीत पर श्रीनाथ त्रिपाठी का स्वागत किया।
बता दें कि पिछले दिनों एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के बाद बीसीआई चेयरमैन ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए श्रीनाथ त्रिपाठी को को-चेयरमैन पद से हटाने के साथ-साथ उनकी बीसीआई सदस्यता भी रद्द कर दी थी। इस कार्रवाई को त्रिपाठी ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि यह कार्रवाई बीसीआई के नियमों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि त्रिपाठी को 2019 में हुए चुनावों में बीसीआई में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल का सदस्य प्रतिनिधि चुना गया था। फिर भी, बिना ठोस सबूत और उचित प्रक्रिया के उन्हें हटाने का प्रयास किया गया। सिब्बल ने कहा कि जनवरी में भी ऐसी कोशिश नाकाम रही थी, और अब दोबारा असंगत आरोपों के आधार पर कार्रवाई की गई। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की विशेष खंडपीठ ने बीसीआई के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है, साथ ही प्रतिउत्तर के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। अगली सुनवाई इस जवाब के बाद होगी।
सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रीनाथ त्रिपाठी को जबरदस्त राहत दी है। बीसीआई की ओर से उनकी सदस्यता रद्द करने के फैसले को हाईकोर्ट ने न सिर्फ गलत ठहराया, बल्कि स्टे ऑर्डर जारी कर उन्हें राष्ट्रीय टीम में सदस्य के रूप में बरकरार रखा। श्रीनाथ त्रिपाठी ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, “दिल्ली हाईकोर्ट ने न्याय किया है। कपिल सिब्बल की दमदार पैरवी ने मेरे हक को स्थापित किया। मैं फिर से बीसीआई में अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार हूं।”






