MaharashtraPolitics

महाराष्ट्र में नहीं थम रहा हिंदी विवाद, अब डिप्टी सीएम शिंदे ने शिवसेना पर साधा निशाना

मुंबई, 29 जून 2025

महाराष्ट्र में जारी हिंदी भाषा विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब इसी को लेकर के  महाराष्ट्र में त्रिभाषा सिद्धांत के तहत हिंदी को अनिवार्य बनाने की सरकार की नीतियों पर दोहरा रुख अपनाने के लिए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) पर जमकर निशाना साधा है। तत्कालीन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रघुनाथ माशेलकर ने समिति की सिफारिशों के अनुसार तीन भाषाओं, मराठी और अंग्रेजी की शिक्षा को अनिवार्य बनाया था।

जब उद्धव ठाकरे सत्ता में थे, तब उनकी राय अलग थी। लेकिन अब उन्होंने आलोचना की है कि यह बदल गया है। हालांकि, शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के सभी स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाने को लेकर शिक्षा मंत्री दादा भुसे के इस्तीफे की मांग की है। इसके साथ ही भाजपा और शिवसेना (यूबीटी) के बीच जुबानी जंग जारी है।

हिंदी को जबरदस्ती नहीं थोपा जाना चाहिए :

आदित्य ठाकरे ने मांग की कि अतिरिक्त भाषा पढ़ाने के बजाय शिक्षा के अधिकार कानून में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अभी तक जो सीख रहे हैं, उसे जारी रखना चाहिए। शिक्षा में सुधार होना चाहिए। लेकिन किसी भी भाषा को जबरन नहीं थोपा जाना चाहिए। एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि प्राथमिक स्तर पर हिंदी को जबरन थोपना सही नहीं है, जबकि पूरे देश में हिंदी व्यापक रूप से बोली जाती है।

पवार ने कहा कि कक्षा 5 के बाद बच्चों को हिंदी सीखने में कोई समस्या नहीं है। हमें विश्लेषण करना चाहिए कि एक निश्चित आयु का बच्चा वास्तव में कितनी भाषाएं सीख सकता है और इससे उन पर किस तरह का भाषाई बोझ पड़ता है। पवार ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को प्राथमिक स्तर पर हिंदी को अनिवार्य करने की नीति वापस लेनी चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button