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Human Rights Day 2025: आखिर क्यों जरूरी है हर इंसान के लिए सुरक्षा का ये कवच?

दस दिसंबर को मनाया जाने वाला मानवाधिकार दिवस दुनिया को यह संदेश देता है कि किसी भी इंसान के बुनियादी अधिकारों को छीना नहीं जा सकता

लखनऊ, 10 दिसंबर 2025 :

हर इंसान के लिए जीवन में स्वतंत्रता और सम्मान सबसे कीमती चीज होती है। और वह उसी के साथ जीना चाहता है, लेकिन किसी भी शक्तिशाली का हक नहीं कि वह किसी अन्य की जिंदगी पर कब्जा करे या उसे डर और भय में जीने पर मजबूर करे। इसीलिए सुरक्षा कवच की तरह मानवाधिकार यह ताकत देते हैं कि बिना किसी डर के, अपने विचारों, अपने सपनों और अपनी पहचान के साथ हर व्यक्ति जी सके। यह अधिकार याद दिलाते हैं कि हर व्यक्ति बराबरी और इज्जत का हकदार है। यही कारण है कि हर साल 10 दिसंबर को *’मानवाधिकार दिवस (Human rights day 2025)’* मनाया जाता है। इस दिन जब दुनिया यह संकल्प लेती है कि किसी की आजादी और सम्मान पर कभी भी समझौता नहीं किया जाएगा।

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क्यों मनाया जाता है Human Rights Day?

मानवाधिकार दिवस की शुरुआत 1948 में तब हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने Universal Declaration of Human Rights को अपनाया। वहीं 1950 में UN ने सभी देशों से आग्रह किया कि वे 10 दिसंबर को इस दिन को आधिकारिक रूप से मनाएं। इस घोषणा-पत्र को आज दुनिया की 500 से भी ज्यादा भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है, जो इसे विश्व का सबसे व्यापक दस्तावेज बनाता है।

मानवाधिकार दिवस का क्या है महत्व?

किसी भी इंसान के जन्म लेते ही उसे कुछ बुनियादी अधिकार मिल जाते हैं—समानता, स्वतंत्रता, शिक्षा, सुरक्षा और बिना डर के जीने का अधिकार। अगर इन अधिकारों की रक्षा न की जाए तो शक्तिशाली लोग कमजोरों पर अत्याचार कर सकते हैं, उन्हें दबा सकते हैं या गुलाम बना सकते हैं। भारत जैसे विशाल देश में आज भी कई जगह जागरूकता की कमी के कारण मानवाधिकार का हनन होता है। इसी कारण UN ने हर देश में मानवाधिकार से जुड़े संगठनों के गठन पर जोर दिया ताकि हर व्यक्ति अपने अधिकारों की रक्षा कर सके और समाज में बराबरी के साथ जी सके।

भारत में मानवाधिकार आयोग की भूमिका क्या है?

भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का गठन 12 October 1993 को हुआ, जो देशभर में मानव के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करने का काम करता है। NHRC में छह सदस्य होते हैं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, एक जज, एक हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य विशेषज्ञ शामिल रहते हैं। यह आयोग महिलाओं, बच्चों, स्वास्थ्य, भुखमरी, बाल विवाह, जातीय अत्याचार, टॉर्चर और मानव तस्करी जैसे मामलों पर निगरानी रखता है और लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी करता है।

2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में मानवाधिकार उत्पीड़न के कुल 7760 मामले दर्ज किए गए थे-जिनमें बंधुआ मजदूरी, महिला उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव, दहेज, रैगिंग और भूखमरी जैसे गंभीर मामले शामिल थे।

मानवाधिकार दिवस 2025 की थीम क्या है?

इस साल Human Rights Day की थीम है-“Freedom, Equality and Justice for All” यानी हर इंसान के लिए स्वतंत्रता, बराबरी और न्याय सुनिश्चित करना ही इस बार का मुख्य उद्देश्य है।

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