
अलीगढ़,6 दिसंबर 2024
11 साल पहले 2013 में यूपी के अलीगढ़ में 35 साल की महिला ने अपने 36 साल के प्रेमी के साथ पति की हत्या कर दी थी। अवैध संबंध के चलते हुए इस हत्याकांड की दस साल तक जिला अदालत में सुनवाई चली। अब कोर्ट ने महिला और उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। महिला के चार नाबालिग बच्चे हैं। 9 साल के बच्चे को किशोर गृह भेज दिया गया है। बाकी 3, 4 और 5 साल की उम्र वाले बच्चों को भी जेल में मां के साथ रहने की अनुमति दे दी गई है।महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर 2013 में अपने पति लेखराज सिंह की हत्या कर दी थी। एक दशक तक चली सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय तिवारी ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने महिला की याचिका स्वीकार कर ली कि वह अपने तीन बच्चों – जिनकी उम्र 3, 4 और 5 साल है -को जेल में अपने साथ रखे क्योंकि परिवार में कोई और नहीं है।
2012 में राजेश के साथ भाग गई थी कमलेश
सबसे बड़े 9 वर्षीय बच्चे को पहले ही किशोर गृह भेज दिया गया था। महिला कमलेश देवी ने अपने प्रेमी राजेश कुमार के साथ मिलकर 11 अप्रैल, 2013 की रात को अलीगढ़ के अकराबाद के बड़ी उकरावली में अपने पति की हत्या की साजिश रची थी। दोनों ने रात में सोते समय लेखराज की गोली मारकर हत्या कर दी। एडीजीसी हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि 2012 में कमलेश अपने गांव में ही रहने वाले राजेश के साथ भाग गई थी। एक साल बाद जब उसे पता चला कि उसका पति अपनी खेती की जमीन बेचने जा रहा है तब वह वापस लौट आई। इसी दौरान इस घटना को अंजाम दिया।
जमानत पर छूटे और चार बच्चे हो गए
लेखराज के भाई ओम प्रकाश ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों आरोपियों को पहले गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। कुछ सप्ताह बाद, पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। डेढ़ साल बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। जमानत पर बाहर आने के बाद, कमलेश और राजेश एक साथ रहने लगे और उनके चार बच्चे हुए। सजा सुनाए जाने के बाद, कमलेश ने अदालत से अपने तीन बच्चों को अपनी देखरेख में रखने की अनुमति मांगी। एडीजीसी ने कहा महिला और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उनमें से प्रत्येक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया। Short





