लखनऊ, 3 दिसम्बर 2024 :
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, नवंबर 2024 उत्तर प्रदेश के लिए असामान्य रूप से गर्म रहा। यह बीते 124 वर्षों में सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। इस दौरान, न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर रहे। उत्तर प्रदेश सहित उत्तर और मध्य भारत में रात के तापमान ने भी रिकॉर्ड बनाए, जो सामान्य से काफी अधिक थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन और बदलते पर्यावरणीय पैटर्न है। विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की कमी और मानसून के बाद का शुष्क मौसम, साथ ही पूर्वी हवाओं के बढ़ते प्रभाव, इस असामान्य गर्मी के प्रमुख कारण रहे। सामान्य तौर पर, इन विक्षोभों का होना सर्दी के आगमन में सहायक होता है, लेकिन इस बार उनकी अनुपस्थिति ने सर्द मौसम को समय से आने से रोक दिया।
इसके अलावा, मानसून के मौसम में औसत से कम बारिश ने भी तापमान को प्रभावित किया। IMD के निदेशक ने कहा कि नवंबर के दौरान उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान औसत से अधिक रहा। यह प्रवृत्ति न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के जलवायु परिदृश्य में बदलाव का संकेत देती है।
विशेष रूप से, इस बढ़ती गर्मी का प्रभाव कृषि, पर्यावरण और जनजीवन पर पड़ रहा है। जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार, यदि तापमान वृद्धि की यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो यह आने वाले समय में गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।
इस स्थिति ने आम जनता को भी चौंकाया है। सामान्य तौर पर नवंबर के महीने में लोग सर्द हवाओं और ठंड का अनुभव करते हैं, लेकिन इस बार अधिक गर्मी ने सर्दी की प्रतीक्षा को लंबा कर दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक तापमान में गिरावट आने की संभावना है, लेकिन ठंड का पूर्ण अनुभव देरी से होगा।
इस बदलते मौसम ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों की गंभीरता को और उजागर किया है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं और जागरूकता की आवश्यकता होगी।