
इंदौर, 3 मई 2025
इंदौर में एक तीन साल चार महीने की बच्ची ने जैन धर्म के सर्वोत्तम व्रत संथारा को अपनाकर अपने जीवन का समापन किया। इस घटना के बाद बच्ची का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ है। बच्ची को ब्रेन ट्यूमर होने के कारण उसके परिवार ने पहले मुंबई में ऑपरेशन करवाया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
पिछले मार्च में, जब बच्ची की हालत फिर से बिगड़ी, तो उसके माता-पिता ने जैन मुनि के निर्देशानुसार संथारा की प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया। 21 मार्च को बच्ची को राजेश मुनि महाराज के पास लेकर गए, जहां बच्ची ने पारंपरिक तरीके से वंदना की। इसके बाद, उसके परिवार ने उसे संथारा करने की स्वीकृति दे दी।
जैसे ही संथारा की प्रक्रिया पूरी हुई, बच्ची ने मात्र 10 मिनट में अपने शरीर को त्याग दिया। संथारा जैन धर्म का वह व्रत है, जिसमें व्यक्ति अपने जीवन को पूर्ण रूप से आत्म-निर्वाण की दिशा में समर्पित करता है। इस प्रकार तीन साल की बच्ची का यह धार्मिक समर्पण समाज के लिए एक प्रेरणा बन गया है।
परिजनों का कहना है कि वियाना बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्तियों की ओर आकर्षित थी और उसकी इस आस्था ने उसे अन्य बच्चों के लिए एक उदाहरण बना दिया। जैन समुदाय के लोग इसे गर्व की बात मान रहे हैं, और इस घटना को विश्व रिकॉर्ड के रूप में देखा जा रहा