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सिंगरौली में रेत माफिया ने आदिवासी किसान की हत्या की, मध्य प्रदेश में राजनीतिक तनाव

4 सितंबर 2024: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के गननई गांव में एक आदिवासी किसान की रेत माफिया द्वारा कथित रूप से निर्मम हत्या कर दी गई। यह घटना रविवार देर रात की है, जब 46 वर्षीय इंद्रपाल अगरिया को एक ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर मार डाला गया। इस ट्रैक्टर-ट्रॉली का उपयोग अवैध रूप से रेत परिवहन के लिए किया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, रेत माफिया पटिर नदी से रेत निकालकर उसे इंद्रपाल अगरिया के धान के खेतों के रास्ते से ले जा रहे थे।इंद्रपाल अगरिया अपनी फसलों को हो रहे नुकसान को लेकर चिंतित थे और उन्होंने माफिया से इसका विरोध किया था। घटना की रात उन्होंने रेत माफिया को रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद उन्हें बेरहमी से कुचलकर मार डाला गया।

राजनीतिक विवाद की चपेट में मामलाइस घटना ने राज्य में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि आरोपी भाजपा से जुड़े हुए हैं और वर्षों से अवैध रेत परिवहन में शामिल हैं। पटवारी ने कहा, “हर कोई जानता है कि उन्हें कौन बचा रहा है और क्यों,” जिससे विवाद को और हवा मिली है।स्थानीय ग्रामीणों ने पुष्टि की कि इंद्रपाल के खेतों से अवैध रेत का परिवहन किया जा रहा था, जिससे उनकी फसल को काफी नुकसान हो रहा था। आरोप है कि भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष लाले वैष और उनके सहयोगी, जो इस अवैध गतिविधि में शामिल थे, ने किसान द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और कार्रवाई का आश्वासनमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना को “बहुत दुखद और गंभीर” बताया। उन्होंने इंद्रपाल अगरिया के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहा कि राज्य में ऐसे जघन्य अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को इस मामले की तुरंत जांच करने का आदेश दिया और कहा, “मध्य प्रदेश में कानून का राज है, और ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्षसिंगरौली जिले में हुई इस घटना ने राज्य में अवैध रेत खनन के खिलाफ आक्रोश को और बढ़ा दिया है। इंद्रपाल अगरिया की निर्मम हत्या ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि राज्य में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू कर दिया है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या कार्रवाई की जाएगी।

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