उत्तर भारत की ऐतिहासिक राम बारात में प्रभु श्री राम निकले सीता जी को लेने ,100 से ज्यादा झाँकियाँ रहीं विशेष आकर्षण

thehohalla
thehohalla

आगरा, 29 सितम्बर 2024:

मयंक चावला,

उत्तर भारत की ऐतिहासिक राम बारात बड़े धूमधाम से आगरा के श्री मनकामेश्वर नाथ मंदिर से शुरू हुई। यह विशेष आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक समृद्धि और सामुदायिक एकता का भी एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस भव्य समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल के साथ-साथ श्री रामलीला कमेटी के सदस्यों ने प्रभु श्री राम और उनके चारों भाइयों की आरती उतारी, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया।

इस बारात में 100 से ज्यादा झांकियां शामिल थीं, जो विभिन्न देवताओं और देवी-देवियों को दर्शाती थीं। इनमें करौली माता, बाबा श्याम, और अयोध्या में बनाए गए प्रभु श्री राम की झांकी प्रमुख रही। बारात के दौरान जैसे पूरा शहर अयोध्या में तब्दील हो गया। लाखों भक्त, जो अपने आराध्य की एक झलक पाने के लिए बेताब थे, राम बारात के मार्ग पर पलक पावड़े बिछाए बैठे रहे।

प्रभु श्री राम की बारात का यह आयोजन न केवल धार्मिक मान्यता को मजबूत करता है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी जीवित रखता है। इस बारात में शामिल लोग विभिन्न प्रकार के पारंपरिक परिधान पहने हुए थे, जो इस समारोह की गरिमा को और बढ़ाते थे। बच्चे, युवा और वृद्ध सभी इस विशेष पल का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित थे।

प्रभु श्री राम की बारात आज रविवार को सुबह मिथिला नगरी में बने अग्रसेन सेवा सदन पहुंची। यहां राजा जनक बने प्रमोद वर्मा और पूरी जनकपुरी कमेटी प्रभु श्री राम और उनके भाइयों का भव्य स्वागत किया । यह स्वागत समारोह अपनी भव्यता और भक्ति के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें न केवल स्थानीय लोग बल्कि दूर-दूर से आए भक्त भी शामिल हुए।

राजा दशरथ का किरदार निभा रहे संतोष शर्मा और माता कौशल्या बनी ललिता शर्मा ने इस पल के महत्व को साझा करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का अनमोल क्षण है। उन्होंने कहा, “आज हमें प्रभु श्री राम के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, और हम गर्व महसूस कर रहे हैं कि हम इस महान आयोजन का हिस्सा हैं। हमारा जीवन धन्य हो गया है।”
इस प्रकार की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने का भी कार्य करती है। राम बारात के दौरान भक्तों में जोश और उत्साह देखने को मिला, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भक्ति और धार्मिकता का मूल्य आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।

इस प्रकार, राम बारात न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि यह सामाजिक सामंजस्य और सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह आयोजन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो उन्हें प्रभु श्री राम और सीता जी के प्रति अपने प्रेम और श्रद्धा को एकजुट करने का मौका देता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *