
नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025
भारत और चीन के बीच एलएसी (LAC) विवाद को सुलझाने के लिए दूसरी विशेष प्रतिनिधि स्तर की बैठक अब दिल्ली में होने जा रही है। 19 अगस्त को हैदराबाद हाउस में यह बैठक होगी जिसमें चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे। बैठक के बाद वांग यी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब कज़ान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद सीमा पर तनाव में कमी आई है और दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने इलाके में पेट्रोलिंग कर रही हैं।
पूर्वी लद्दाख में 2020 से जारी गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत और चीन ने अक्टूबर 2024 में बातचीत की प्रक्रिया शुरू की थी। डेमचोक और डेपसांग में डिसएंगेजमेंट पूरा हुआ जबकि पैंगोंग, गलवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से भी सेनाएं पीछे हटीं। हालांकि इन क्षेत्रों में बफर ज़ोन बना दिए गए। इसके बाद 21 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात में तय हुआ कि विशेष प्रतिनिधि स्तर पर वार्ता आगे बढ़ेगी। पहली बैठक दिसंबर 2024 में बीजिंग में हुई थी जिसमें भारत का नेतृत्व एनएसए अजीत डोभाल ने किया था। अब दूसरी बैठक दिल्ली में होगी।
इस विवाद को सुलझाने में तीन बड़े चेहरों की भूमिका अहम रही है—प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिन्होंने सेना को जमीन पर त्वरित फैसले लेने की छूट दी और चीन पर आर्थिक दबाव बनाया; विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रखा; और एनएसए अजीत डोभाल, जिन्होंने सीधे वांग यी से वार्ता कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय सेना की पूर्वी लद्दाख में मजबूत स्थिति और रणनीतिक बढ़त ने चीन को वार्ता की मेज पर आने के लिए मजबूर किया। अब उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली में होने वाली यह दूसरी बैठक एलएसी विवाद के स्थायी समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।