
नई दिल्ली | 05 अगस्त 2025
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत एक बार फिर पश्चिमी देशों की कड़ी निगरानी में आ गया है। इस बार आरोप यूक्रेन की ओर से लगाए गए हैं कि रूस जिन ईरानी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, उनमें भारत में बने इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे लगे हैं। ये खुलासा ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को रूस से तेल खरीदने को लेकर पहले ही धमकी दे चुके हैं।
यूक्रेन ने भारत सरकार और यूरोपीय संघ के समक्ष यह औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है कि ईरानी डिज़ाइन वाले ‘शाहिद’ ड्रोन में भारत निर्मित इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे पाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, ड्रोन की वोल्टेज रेगुलेटर यूनिट में विशाय इंटरटेक्नोलॉजी का “ब्रिज रेक्टिफायर E300359” और नेविगेशन जैमिंग सिस्टम में ऑरा सेमीकंडक्टर द्वारा निर्मित AU5426A सिग्नल जनरेटर चिप मिली है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों कंपनियों ने किसी भी भारतीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है, क्योंकि ये पुर्जे डुअल यूज़ टेक्नोलॉजी (नागरिक और सैन्य दोनों में उपयोग हो सकने वाली तकनीक) में आते हैं, जिन पर निर्यात नियंत्रण अलग तरह से लागू होता है।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत का डुअल यूज़ आइटम्स का निर्यात उसके अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और मजबूत घरेलू कानूनों के तहत होता है। किसी भी उल्लंघन से बचने के लिए पूरी जांच-पड़ताल की जाती है।”
उधर, ट्रंप ने दावा किया है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर वैश्विक बाजार में मुनाफा कमा रहा है। जबकि चीन इससे भी अधिक तेल खरीद रहा है, लेकिन उस पर ट्रंप कोई टिप्पणी नहीं कर रहे। भारत को अब दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है – एक ओर पश्चिमी दबाव तो दूसरी ओर रूस के साथ रणनीतिक संबंधों की मजबूरी।






