बिजनेस डेस्क, 20 दिसंबर 2025 :
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय टेक स्टार्टअप ने दुनिया के निवेशकों का भरोसा बनाए रखा है। मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफार्म ट्रैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत फंडिंग के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर बना हुआ है। इस रैंकिंग में भारत ने चीन और जर्मनी जैसे बड़े बाजारों को पीछे छोड़ दिया है। फिलहाल केवल अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ही भारत से आगे हैं, जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की बढ़ती साख को दर्शाता है।
फंडिंग में गिरावट के बाद भी स्थिति मजबूत
इस रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 में भारतीय टेक स्टार्टअप ने कुल 10.5 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 17 फीसदी कम जरूर है, लेकिन वैश्विक तुलना में भारत की स्थिति अब भी मजबूत बनी हुई है। वर्ष 2024 में स्टार्टअप को 12.7 अरब डॉलर और 2023 में 11 अरब डॉलर की फंडिंग मिली थी। इन उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत ने लगातार अपनी जगह बनाए रखी है।
अर्ली-स्टेज स्टार्टअप पर निवेशकों का भरोसा
फंडिंग के आंकड़े बताते हैं कि निवेशक उन स्टार्टअप पर ज्यादा भरोसा जता रहे हैं, जिनमें तेजी से विस्तार करने की क्षमता है। वर्ष 2025 में अर्ली-स्टेज स्टार्टअप ने 3.9 अरब डॉलर जुटाए, जो 2024 के मुकाबले 7 फीसदी अधिक है। वहीं सीड-स्टेज फंडिंग में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 1.1 अरब डॉलर रही। लेट-स्टेज स्टार्टअप को 5.5 अरब डॉलर की फंडिंग मिली, जो पिछले साल से 26 फीसदी कम है।
इन सेक्टरों में दिखी बड़ी डील
भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स टेक, पर्यावरण टेक और ऑटो टेक सेक्टर में सबसे बड़े सौदे देखने को मिले। एरिशा ई-मोबिलिटी ने अकेले एक अरब डॉलर की फंडिंग हासिल की। इसके अलावा क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो ने 30 करोड़ डॉलर और ग्रीनलाइन ने 27.5 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटाई। ये सौदे दिखाते हैं कि निवेशक भविष्य की जरूरतों से जुड़े सेक्टरों पर दांव लगा रहे हैं।
महिला उद्यमियों की बढ़ती भूमिका
रिपोर्ट में महिला उद्यमियों के नेतृत्व वाले स्टार्टअप की मजबूत मौजूदगी भी सामने आई है। महिलाओं द्वारा शुरू किए गए टेक स्टार्टअप ने कुल एक अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई। इसमें जीवा को सबसे अधिक 6.2 करोड़ डॉलर मिले, जबकि एमनेक्स ने 5.2 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल की। विशेषज्ञों का मानना है कि अर्ली-स्टेज फंडिंग में मजबूती आने वाले वर्षों में भारत से नए और बड़े स्टार्टअप उभरने के संकेत देती है।






