लखनऊ, 11 नवंबर 2025 :
अडानी ग्रुप अब एक और बड़े सेक्टर में कदम रखने जा रहा है। इस बार गौतम अडानी की नजर बैटरी एनर्जी स्टोरेज पर है। ग्रुप ने गुजरात के खावड़ा में 3,530 मेगावाट की क्षमता वाला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम यानी BESS प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की है। यह प्रोजेक्ट दुनिया के सबसे बड़े एकल स्थान वाले एनर्जी स्टोरेज सेटअप्स में से एक होगा। इसका काम मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
खावड़ा बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी हब
गुजरात का खावड़ा पहले ही अडानी ग्रुप का रिन्यूएबल एनर्जी पार्क के लिए जाना जाता है। अब इसी जगह पर 700 से ज्यादा BESS कंटेनर लगाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट से देश की बिजली व्यवस्था को बड़ा फायदा मिलेगा। यह ग्रिड को स्थिर रखेगा, चौबीसों घंटे ग्रीन एनर्जी उपलब्ध कराएगा और ट्रांसमिशन में आने वाली दिक्कतों को भी कम करेगा।
लिथियम आयन टेक्नोलॉजी से बनेगा हाईटेक सिस्टम
यह पूरा सिस्टम एडवांस्ड लिथियम आयन बैटरी और एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम की मदद से तैयार किया जाएगा। इससे न सिर्फ बिजली की मांग को मैनेज करना आसान होगा बल्कि सौर ऊर्जा की बर्बादी भी रुक जाएगी। अडानी ग्रुप की योजना इसे अपनी रिन्यूएबल एनर्जी यूनिट से जोड़ने की है ताकि क्लीन एनर्जी की सप्लाई बिना रुकावट जारी रहे।
गौतम अडानी बोले, भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में बड़ा कदम
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि एनर्जी स्टोरेज भविष्य की ग्रीन एनर्जी का आधार है। यह प्रोजेक्ट भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। कंपनी का लक्ष्य है कि वित्त वर्ष 2027 तक अपनी कुल स्टोरेज क्षमता को 15 GWh तक बढ़ाया जाए और अगले पांच साल में इसे 50 GWh तक ले जाया जाए।
इस पहल के साथ अडानी ग्रुप अब उन गिने-चुने वैश्विक लीडर्स में शामिल हो गया है जो बड़े पैमाने पर एनर्जी स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रहे हैं। भारत के नेट-जीरो लक्ष्य की दिशा में यह कदम बेहद अहम साबित हो सकता है।






