
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि भारत अब पाकिस्तान के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की पहल नहीं करेगा। उन्होंने साफ किया कि अब जिम्मेदारी पाकिस्तान की है कि वह अपने देश से आतंकवाद का सफाया करे और भारत से रिश्ते सुधारने के लिए पहला कदम बढ़ाए। थरूर ने यह बात पूर्व राजनयिक सुरेंद्र कुमार की संपादित पुस्तक ‘Whither India-Pakistan Relations Today?’ के विमोचन कार्यक्रम में कही।
थरूर ने कहा कि भारत ने हमेशा दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की कोशिश की है। उन्होंने 1950 में जवाहरलाल नेहरू और लियाकत अली खान के बीच समझौते से लेकर 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर बस यात्रा और 2015 में नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा तक के उदाहरण दिए। लेकिन उन्होंने कहा कि हर बार पाकिस्तान की तरफ से मिली दुश्मनी ने भारत की कोशिशों को नाकाम कर दिया।
उन्होंने दो टूक कहा कि इस बार भारत की ओर से कोई पहल नहीं होगी, बल्कि पाकिस्तान को आतंकवादी ठिकानों को खत्म करने और गंभीर कदम उठाने होंगे। थरूर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र समिति ने पाकिस्तान के 52 व्यक्तियों और संगठनों को आतंक से जुड़ा माना है। इसके बावजूद पाकिस्तान इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। उन्होंने कहा कि “आतंकवाद बंद करो, इन शिविरों को मिटाओ और आतंकियों पर कार्रवाई करो, तभी भारत आगे बढ़ेगा।”
2008 के मुंबई आतंकी हमलों को याद करते हुए थरूर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की संलिप्तता के ढेरों सबूत दिए थे, लेकिन वहां किसी मास्टरमाइंड पर मुकदमा नहीं चला। इसके बावजूद भारत ने संयम दिखाया। उन्होंने कहा कि लेकिन जब पाकिस्तान नहीं सुधरा तो भारत को 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई करनी पड़ी।
थरूर ने अपनी 2012 की किताब ‘Pax Indica’ का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर पाकिस्तान की तरफ से भारत पर दोबारा हमला हुआ तो भारत संयम नहीं दिखा पाएगा। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को भी खारिज किया कि उनके कारण भारत-पाक संघर्ष रुका। थरूर ने कहा कि यह युद्धविराम भारत की सैन्य कार्रवाइयों और दोनों देशों के DGMO की बातचीत से संभव हुआ था।
इस बयान से साफ है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ रिश्तों में ढील तभी देगा जब इस्लामाबाद आतंकवाद पर कड़ा कदम उठाएगा।






