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हिंद महासागर में भारत की बढ़ती ताकत: पीएम मोदी की ‘विजन महासागर’ नीति में मॉरीशस की अहम भूमिका

नई दिल्ली, 25 जून 2025:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से फोन पर बातचीत कर भारत-मॉरीशस रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने पर ज़ोर दिया। यह वार्ता ‘विजन महासागर’ नीति के अंतर्गत हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है। इस नीति का उद्देश्य केवल समुद्री सुरक्षा ही नहीं बल्कि रणनीतिक और आर्थिक प्रभाव को भी मज़बूत करना है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री रामगुलाम से भारत-मॉरीशस संबंधों और क्षेत्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में रामगुलाम की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और उन्हें शीघ्र भारत आने का आमंत्रण भी दिया।

मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस का दौरा किया था और राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्हें मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी प्रदान किया गया — यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय नेता बने।

‘विजन महासागर’ नीति, भारत की पुरानी ‘सागर’ (SAGAR) नीति का विस्तारित रूप है, जिसमें अब समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ भू-राजनीतिक और आर्थिक रणनीति पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसका एक प्रमुख उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का संतुलन करना है। मॉरीशस जैसे छोटे लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण द्वीपीय देश भारत की इस नीति में महत्वपूर्ण सहयोगी हैं।

भारत मॉरीशस का एक विश्वसनीय सहयोगी रहा है। 2021 में भारत ने कोविड-19 वैक्सीन की मुफ्त आपूर्ति की थी। 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 851.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। मॉरीशस भारत के लिए सामरिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद अहम साझेदार बना हुआ है।

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