नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2025 :
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गुड्ज़ एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) से जुड़े एक मामले में इंडिगो पर लगभग 59 करोड रुपये का जुर्माना लगाया गया है। शुक्रवार को एयरलाइन ने शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी। दक्षिण दिल्ली के कमिश्रर केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के अतिरिक्त आयुक्त ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 58,74,99,439 रुपये की जीएसटी मांग के साथ जुर्माना लगाया है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह इस आदेश को चुनौती देगी।
इंडिगो ने बीएसई को दी जानकारी में बताया कि विभाग ने जीएसटी की मांग के साथ पेनल्टी भी लगाई है। एयरलाइन का कहना है कि अधिकारियों द्वारा पारित यह आदेश त्रुटिपूर्ण है। कंपनी के अनुसार, इस मामले में उसके पास मजबूत कानूनी आधार मौजूद हैं, जिन्हें बाहरी टैक्स विशेषज्ञों की सलाह से भी समर्थन मिलता है। इसी वजह से इंडिगो संबंधित प्राधिकरण के समक्ष इस आदेश को चुनौती देने की तैयारी कर रही है।
एयरलाइन ने यह भी साफ किया है कि इस कार्रवाई का उसके वित्तीय हालात, परिचालन या अन्य कारोबारी गतिविधियों पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ेगा। इंडिगो ने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि कंपनी की संचालन क्षमता सामान्य बनी रहेगी। गौरतलब है कि इंडिगो की स्थापना वर्ष 1993 में हुई थी और यह देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन मानी जाती है।
वहीं इंडिगो में हालिया परिचालन संकट की जांच कर रही उच्च स्तरीय समिति के सामने कंपनी के सीईओ पीटर एल्बर्स शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पेश हुए। डीजीसीए की ओर से गठित चार सदस्यीय समिति ने सीईओ के अलावा सीओओ इसिद्रो पोर्केरास से भी कई घंटों तक पूछताछ की। एल्बर्स करीब सात घंटे, जबकि पोर्केरास लगभग पांच घंटे तक पैनल के सामने मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों को समिति के समक्ष अलग अलग समय पर बुलाया गया था।
दिसंबर की शुरुआत से लगभग एक सप्ताह के भीतर इंडिगो की लगभग 5000 उड़ानें रद्द होने से पूरे विमानन क्षेत्र में अफरातफरी की स्थिति बन गई थी। हालांकि सरकार के दबाव और नियामकीय सक्रियता के बाद एयरलाइन का परिचालन धीरे धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटता दिख रहा है। इंडिगो ने शुक्रवार को 2000 से अधिक उड़ानों का संचालन किया।






