
इंदौर, 31 मार्च 2025
मध्य प्रदेश के इंदौर में सांप्रदायिक सौहार्द का एक हृदयस्पर्शी दृश्य देखने को मिला, जब एक हिंदू परिवार ने 50 साल पुरानी परंपरा के अनुसार ईद-उल-फितर की नमाज के लिए शहर काजी को कार पर बैठाकर मुख्य ईदगाह पहुंचाया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शहर निवासी सत्यनारायण सलवाडिया ने शहर काजी मोहम्मद इशरत अली को उनके राजमोहल्ला स्थित आवास से उठाया और घोड़ागाड़ी में सदर बाजार स्थित मुख्य ईदगाह ले गए तथा सामूहिक नमाज के बाद उन्हें घर छोड़ दिया।
पत्रकारों से बात करते हुए साल्वाडिया ने कहा कि उनके पिता रामचंद्र साल्वाडिया ने लगभग 50 साल पहले यह परंपरा शुरू की थी और 2017 में उनके पिता के निधन के बाद वे इसे आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस परंपरा के माध्यम से हम इस शहर के लोगों को भाईचारे का संदेश देना चाहते हैं। मेरा परिवार हमेशा इस परंपरा को बनाए रखेगा।”
शहर काजी मोहम्मद इशरत अली ने कहा कि इंदौर देश का एकमात्र ऐसा शहर है जहां एक हिंदू परिवार ईद की नमाज के लिए पूरे सम्मान के साथ शहर काजी को ईदगाह ले जाता है। उन्होंने युवाओं से दुनिया को राजनीति के नजरिए से नहीं बल्कि सामाजिक नजरिए से देखने की अपील की।
जब लोग शहर में ईद की नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए, तो कुछ लोगों ने अपनी बांहों पर काली पट्टियां बांध रखी थीं और उनमें से एक ने यह इशारा उन फिलिस्तीनियों को याद करने के लिए किया जो “उत्पीड़न” का सामना कर रहे थे।
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सदर बाजार स्थित मुख्य ईदगाह पहुंचकर शहर काजी इशरत अली को शुभकामनाएं दीं।पीटीआई से बातचीत में पटवारी ने कहा कि ईद भारत की गंगा-जमुनी तहजीब से जुड़ी है, जो देश के प्रति प्रेम का संदेश भी देती है। उन्होंने कहा, “जो लोग नफरत की बात करते हैं, वे देशभक्त नहीं हो सकते। जनता को ऐसे लोगों को समझाना चाहिए और देश के सामने उनका असली चेहरा लाना चाहिए।”






