तेहरान | 20 जून 2025
ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध के आठवें दिन एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। इस बार तेहरान ने युद्ध के लिए सीधे इजराइल या अमेरिका को नहीं, बल्कि इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के डायरेक्टर जनरल राफाएल ग्रोसी को जिम्मेदार ठहराया है। ईरानी अधिकारियों ने ग्रोसी की दो बड़ी गलतियों को इस युद्ध का मूल कारण बताया है, जिससे पूरे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बकाई हमानेह ने ग्रोसी पर आरोप लगाया कि उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बहुत देर से सच्चाई को सामने रखा। उन्होंने कहा कि ग्रोसी का यह कहना कि IAEA को ईरान के परमाणु हथियार बनाने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, बहुत देर से आया। इससे पहले IAEA की रिपोर्ट्स ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर ईरान के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाया, जिसे अमेरिका और यूरोपीय देशों ने प्रस्ताव पास करने के लिए आधार बनाया। उसी प्रस्ताव को इजराइल ने हमले का बहाना बना लिया।
ईरान का दूसरा बड़ा आरोप ग्रोसी पर IAEA की रिपोर्टिंग में पक्षपात का है। बकाई के अनुसार, एजेंसी अब निष्पक्ष नहीं रह गई है और यह गैर-NPT देशों, जैसे इजराइल, के हितों को साधने का उपकरण बन गई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि “गलत नैरेटिव के गंभीर नतीजे होते हैं।”
पूर्व विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने भी ग्रोसी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि IAEA की गलत और गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग की वजह से ईरान में निर्दोष लोग मारे गए हैं। उन्होंने इसे IAEA की साख को लगी अपूरणीय क्षति बताया।
इजराइल के हालिया हमलों के बाद ईरान ने IAEA की फील्ड जांच बंद कर दी है। ग्रोसी ने खुद स्वीकार किया है कि अब केवल सैटेलाइट इमेजिंग के जरिए निगरानी की जा रही है, जिससे ईरान के संवेदनशील यूरेनियम भंडार की वास्तविक स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है।
इस आरोप के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर IAEA की भूमिका और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।