गोरखपुर, 27 अक्टूबर 2024
इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (आईटीएम) गीडा, गोरखपुर के छह प्रतिभाशाली छात्रों ने एक अभिनव पर्यावरण मित्र दिवाली लाइटिंग सिस्टम विकसित किया है। यह सिस्टम फिजिकल डायनेमो जनरेटर चार्जिंग और वाटर सेंसर तकनीक पर आधारित है, जो बिजली की खपत को पूरी तरह समाप्त करता है।
प्रमुख विशेषताएं:
- बिना बिजली के 8 घंटे तक जलने वाली लाइट
- एंटी-डेंगू यूवी प्रौद्योगिकी
- पौधों के गमलों से जुड़ी वाटर सेंसिंग तकनीक
- पूर्णतः शॉक-प्रूफ डिज़ाइन
- मात्र 350 रुपये की लागत
शिवम सिंह, सुमित त्रिपाठी, तबस्सुम शेख, अंजली शर्मा, यासिका सिंह, और हर्ष चतुर्वेदी ने पारंपरिक बिजली-आधारित दीवाली सजावटों का एक बेहतर विकल्प प्रदान करने के उद्देश्य से इस तकनीक का विकास किया है।
शिवम सिंह ने बताया कि इस तकनीक से दीवाली की झालर में इतनी ऊर्जा संग्रहित की जा सकती है कि वह बिना बिजली के पूरी रात जल सकती है। उन्होंने बताया कि कुछ प्रकार की दीवाली लाइट्स भी बनाई गई हैं जो पानी के संपर्क में आते ही अपने आप जलने लगती हैं। यह लाइट्स पौधों के गमलों में भी रखी जा सकती हैं, जिससे न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है, बल्कि हरे-भरे वातावरण का संदेश भी दिया जाता है।
सुमित त्रिपाठी ने बताया कि इन दीवाली लाइट्स में यूवी लाइट का भी इस्तेमाल किया गया है, जिससे मच्छर और कीट भी नियंत्रित किए जा सकते हैं। तबस्सुम शेख ने बताया कि इस दीवाली कई प्रकार के लाइट्स तैयार किए गए हैं, जो बिजली या सोलर एनर्जी के बिना भी जल सकते हैं।
आईटीएम के निदेशक डॉ. एन. के. सिंह ने छात्रों के इस नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान भविष्य में इस प्रकार के प्रोजेक्ट्स को बाजार में लाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।