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जय संतोषी मां: 50 साल बाद भी वो फिल्म जो सिनेमाघरों को बना गई थी मंदिर, ‘दीवार’ को छोड़ा पीछे

मुंबई, 30 मई 2025

भारतीय सिनेमा में ऐसी कई फिल्में आईं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई, लेकिन ‘जय संतोषी मां’ ने सिर्फ कमाई नहीं की, बल्कि करोड़ों दिलों में जगह बनाई। 30 मई 1975 को रिलीज हुई यह फिल्म आज अपने 50 साल पूरे कर चुकी है, और इसे याद करते ही भारतीय सिनेमा में एक अनोखे अध्याय की शुरुआत याद आती है।

महज 5 लाख के बजट में बनी ‘जय संतोषी मां’ को शुरुआत में कोई खास तवज्जो नहीं मिली। पहले दिन की कमाई मात्र 56 रुपये थी, जिससे इसे फ्लॉप मान लिया गया था। लेकिन जल्द ही यह फिल्म एक सामाजिक और धार्मिक आंदोलन बन गई। दर्शकों ने इसे महज एक फिल्म नहीं, बल्कि मां संतोषी की जीवंत उपस्थिति मानकर पूजा का माध्यम बना लिया।

सिनेमाघरों में जूते-चप्पल बाहर उतारकर प्रवेश किया जाने लगा, पूजा की थालियां और प्रसाद साथ लाए जाने लगे। जब मां संतोषी की स्क्रीन पर एंट्री होती, लोग खड़े होकर आरती करने लगते, फूल और सिक्के बरसाए जाते। यह दृश्य किसी धार्मिक आयोजन से कम नहीं होता था।

अनीता गुहा द्वारा निभाया गया संतोषी मां का किरदार इतना प्रभावशाली था कि लोग उन्हें साक्षात देवी मानने लगे। बताया जाता है कि उन्होंने पूरे शूट के दौरान व्रत रखा था, जिससे उनके अभिनय में एक विशेष पवित्रता आ गई थी।

इस फिल्म ने ‘दीवार’ जैसी अमिताभ बच्चन की बड़ी फिल्म को भी पीछे छोड़ दिया। उस साल ‘शोले’ के बाद यह दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। 50 हफ्तों तक लगातार हाउसफुल रहने वाली इस फिल्म ने यह सिद्ध कर दिया कि स्टार पावर और बजट से ऊपर होती है आस्था और कहानी की ताकत।

‘जय संतोषी मां’ एक मिसाल है उस सिनेमाई चमत्कार की, जिसने श्रद्धा को परदे पर जीवंत कर दिया और सिनेमा को भक्ति का केंद्र बना दिया।

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