नई दिल्ली, 4 मई 2025
शनिवार को नई दिल्ली में जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जिसमे आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी के बाद केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा की स्थितियों पर इस दौरान चर्चा की गई। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की 22 अप्रैल के बाद यह प्रधानमंत्री के साथ पहली बैठक है। यह बैठक प्रधानमंत्री के निवास पर हुई यह जो लगभग 30 मिनट तक चली। सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर में उभरते हालात पर चर्चा की और भविष्य में हमलों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की समीक्षा की।
हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन ऐसा माना जाता है कि दोनों ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने तथा पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पर्यटन केंद्र पहलगाम में नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों द्वारा पहलगाम के बैसरन मैदान में 25 पर्यटकों सहित 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
पूरा देश आतंकवादियों के इस कायराना कृत्य से आक्रोशित है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम हत्याकांड पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि आतंकवादियों, उनके आकाओं और समर्थकों का पृथ्वी के छोर तक पीछा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने पहलगाम हत्याकांड का बदला लेने के लिए देश की सशस्त्र सेनाओं को खुली छूट दे दी है। सशस्त्र बलों को परिचालन संबंधी खुली छूट देने के प्रधानमंत्री के फैसले से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ 40 मिनट लंबी बैठक की। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की, जिसके बाद उन्हें सीडीएस द्वारा देश के सशस्त्र बलों की किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और अन्य उपायों को जारी रखते हुए भारत ने अब पाकिस्तान के साथ सभी डाक आदान-प्रदान बंद कर दिए हैं। इसके अलावा अटारी-वाघा सीमा क्रॉसिंग पॉइंट को बंद कर दिया गया है, सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश से निकाल दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुछ दिन पहले श्रीनगर में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की थी। उपराज्यपाल ने सेना से कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के अपराधियों को पकड़ने के लिए वह हरसंभव बल का प्रयोग करे। इस बीच, आतंकवादियों, उनके ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) और समर्थकों को कड़ा संदेश देने के लिए सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त करना जारी रखा है। पिछले शुक्रवार को त्राल और बिजबेहरा इलाकों में आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख के दो घरों को ध्वस्त कर दिया गया। ये दोनों आतंकवादी पहलगाम हत्याकांड में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी समूह का हिस्सा थे। सुरक्षा बलों ने अब तक 10 आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त कर दिया है, जो कथित तौर पर अभी भी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं।
सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने सर्वसम्मति से इस नृशंस आतंकवादी हमले की निंदा की और इस पर एक प्रस्ताव पारित किया। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद से सेना ने अपने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिए हैं और चप्पे-चप्पे पे आतंकवादियों की तलाश जारी है।