
लखनऊ, 13 अप्रैल 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में रविवार को ‘जय भीम पदयात्रा’ का आयोजन किया गया। इस यात्रा का शुभारंभ प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मरीन ड्राइव चौराहे से हरी झंडी दिखाकर किया। पदयात्रा अंबेडकर स्मृति स्थल पर संपन्न हुई। डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती से एक दिन पूर्व आयोजित इस यात्रा में सैकड़ों युवाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक न्याय, समानता और संविधान के मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाना रहा।

उच्च शिक्षा मंत्री ने युवाओं संग किया संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन
कार्यक्रम की शुरुआत सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल पर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर और मौन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की गई। इसके बाद उच्च शिक्षा मंत्री ने युवाओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया और डॉ. अंबेडकर के विचारों को साझा किया।
इस अवसर पर मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा, “डॉ. भीमराव अंबेडकर न केवल संविधान निर्माता थे, बल्कि एक महान समाज सुधारक, चिंतक और न्यायप्रिय नेता भी थे। उन्होंने जीवनभर सामाजिक असमानता के विरुद्ध संघर्ष किया और शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख साधन बताया। उनका संदेश ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ आज भी युवाओं के लिए सबसे बड़ा मार्गदर्शक है।”
”बाबा साहब के विचारों को घर-घर जा रहा पहुंचाया”
उन्होंने युवाओं से संविधान के मूल्यों को आत्मसात कर समावेशी समाज के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में ‘जय भीम पदयात्रा’ जैसे आयोजनों के माध्यम से बाबा साहब के विचारों को घर-घर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने इस यात्रा को श्रद्धांजलि से अधिक एक जन-जागरण अभियान बताया, जो युवाओं को सामाजिक समता, बंधुत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रेरित करती है। यात्रा के दौरान युवाओं ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारे लगाते हुए संविधान और सामाजिक न्याय के संदेश को आमजन तक पहुंचाया।






