रांची, 11 जून 2025
झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2018 में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित मानहानि के एक मामले में छह अगस्त को चाईबासा की एक अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने चाईबासा अदालत द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। यह मामला राहुल गांधी के खिलाफ शाह (जो अब केंद्रीय गृह मंत्री हैं) को निशाना बनाकर की गई कथित टिप्पणी के लिए दायर शिकायत से संबंधित है।
मामले में शिकायतकर्ता अधिवक्ता विनोद कुमार साहू के अनुसार, “चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। उससे बचने के लिए राहुल गांधी की ओर से आज कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस दूसरी जगह उपस्थित होना होगा, तो उनके अधिवक्ता ने कहा कि कोई तारीख उन्हें सूट नहीं करती है, तो कोर्ट ने कहा कि जो तारीख आपको सूट करे, हमें बताइए, इस तरह 6 अगस्त की तारीख तय की गई. तो NBW से राहत पाने के लिए उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया. कोर्ट ने एक अंडरटेकिंग देने को कहा. फिर राहुल गांधी की ओर से उनके अधिवक्ता ने अंडरटेकिंग दी कि 6 अगस्त को वे चाईबासा कोर्ट में उपस्थित रहेंगे और कोर्ट में कोर्ट के काम में सहयोग करेंगे. तो कोर्ट आगे आदेश देता है कि 6 अगस्त तक राहुल गांधी की गिरफ्तारी नहीं होगी.”
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने बताया, “मामला यह है कि 2018 में राहुल गांधी ने कांग्रेस अधिवेशन में एक बयान दिया था, उस समय वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और उस समय अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उन्होंने बयान दिया था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता और कांग्रेसजन किसी हत्यारे को राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते। भारतीय जनता पार्टी में हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है और हत्यारे को भारतीय जनता पार्टी के लोग ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में स्वीकार कर सकते हैं। इससे आहत होकर मेरे मुवक्किल भाजपा नेता प्रताप कुमार ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उन्हें पहले कानूनी नोटिस दिया गया था। कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए मानहानि का मुकदमा दायर किया गया और पर्याप्त सबूतों के आधार पर अदालत ने उन्हें तलब किया।”
बता दे कि यह मामला तब का है जब 2018 में राहुल गांधी ने अपनी एक रैली के दौरान कहा था कि एक हत्यारा भाजपा का अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन ऐसा कांग्रेस में नहीं हो सकता।