नई दिल्ली, 24 नवंबर 2025:
देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें शपथ दिलाई। इसके साथ ही उन्होंने सेवानिवृत्त हो रहे CJI भूषण आर गवई का स्थान संभाल लिया है। परंपरा के अनुसार CJI गवई ने ही अपने उत्तराधिकारी के रूप में सूर्यकांत के नाम की औपचारिक सिफारिश की थी। उनका कार्यकाल 15 महीने का होगा।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और स्वयं CJI गवई सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं।

जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी कानूनी यात्रा की शुरुआत की और बाद में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में वकालत के दौरान संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जुलाई 2000 में वे हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने। 2001 में सीनियर एडवोकेट और 2004 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा देने के बाद वे मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने। नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन भी रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत से न्यायपालिका में सुधार, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और न्याय तक आम लोगों की आसान पहुंच को लेकर उम्मीदें जताई जा रही हैं।






